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Ekadashi Vrat List 2026: जनवरी से दिसंबर तक कब-कब पड़ेंगी एकादशी तिथियां, पंडित जी से जानें शुभ मुहूर्त समेत अन्य बातें

Ekadashi Vrat Kab Hai 2026: सनातन धर्म में किसी भी एकादशी तिथि को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है और इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। अगर आप भी ये जानकारी लेना चाहती हैं कि साल 2026 में कब-कब पड़ेंगी एकादशी तिथियां, तो यहां जानें इसके बारे में।
Editorial
Updated:- 2025-12-12, 11:30 IST

हिंदू धर्म में किसी भी एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। हर महीने दो एकादशी तिथियां पड़ती हैं और इस तरह से साल में 24 एकादशी तिथियां मनाई जाती हैं। वहीं जिस साल मलमास या अशिकमास होता है उस साल में 16 एकादशी तिथियां पड़ती हैं। एकादशी का पर्व आस्था, उपवास और आध्यात्मिकता को समर्पित माना जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पूरे साल आने वाली आध्यात्मिक तरंगों को संतुलित करती है। प्रत्येक माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी मानसिक शुद्धि, आत्मचिंतन और आध्यात्मिक प्रगति का संदेश देती है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी माना जाता है जो मन की अशांति, अनावश्यक तनाव और नकारात्मक विचारों से मुक्ति पाना चाहते हैं। इस उपवास का पालन करने से मन दृढ़ होता है और कार्यों में एकाग्रता बढ़ती है। यही नहीं मान्यता है कि जो लोग इस व्रत का पालन करते हैं उनके जीवन में सदैव भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। हर बार की तरह साल 2026 में भी कई महत्वपूर्ण तिथियां पड़ेंगी। चूंकि इस साल अधिकमास है, इसलिए एकादशी तिथियों की संख्या ज्यादा होगी। आइए पंडित उमेश चंद्र पंत, संस्थापक पवित्र ज्योतिष से जानें इस साल की सभी एकादशी तिथियों के बारे में और उनके शुभ मुहूर्त भी जानें यहां विस्तार से।

एकादशी व्रत 2026 लिस्ट (Ekadashi Vrat List 2026)

एकादशी व्रत सनातन धर्म में अत्यंत पावन माना जाता है। इस साल कुछ महत्वपूर्ण एकादशी तिथियां पड़ेंगी जिसमें से जिनमें मोक्षदायिनी, पुत्रदा, देवशयनी और देव उठनी एकादशी के साथ अन्य एकादशी भी हैं जिनका विशेष महत्व है और इन सभी तिथियों में विष्णु पूजन शुभ माना जाता है। आइए यहां जानें पूरे साल की एकादशी तिथियों में बारे में। 

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षट्तिला एकादशी(माघ मास)-14 जनवरी 2026

यह एकादशी माघ कृष्ण पक्ष के ग्यारहवें दिन मनाई जाएगी। षट्तिला एकादशी में तिल का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन तिल स्नान, तिल दान और तिल का सेवन करना बहुत शुभ माना जाता है। इस एकादशी का व्रत करने से घर में शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि बढ़ती है तथा मन नकारात्मक विचारों से मुक्त होता है।

जया एकादशी (माघ मास)- 29 जनवरी 2026

यह एकादशी माघ शुक्ल पक्ष में मनाई जाएगी। जया एकादशी को मन के दोषों को दूर करने वाली तिथि माना जाता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से बाधाएँ कम होती हैं तथा जीवन में सुख और सुरक्षा का भाव बढ़ता है। यह एकादशी मन को शांत और संबंधों को मधुर बनाती है।

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विजया एकादशी (फाल्गुन मास)-13 फ़रवरी 2026

फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी कहा जाता है। यह व्रत कठिन परिस्थितियों से विजय प्राप्त करने की शक्ति देता है। इस दिन व्रत और पूजा से मनोबल बढ़ता है तथा रुके हुए कार्यों में प्रगति होती है।

एकादशी का नाम तिथि व दिन पक्ष/माह  आरंभ  समापन 
षट्तिला एकादशी 14 जनवरी, बुधवार कृष्ण, माघ 13 जनवरी, 03:17 PM 14 जनवरी, 05:52 PM
जया एकादशी 29 जनवरी, गुरुवार शुक्ल, माघ 28 जनवरी, 04:35 PM  29 जनवरी, 01:55 PM
विजया एकादशी  13 फरवरी, शुक्रवार कृष्ण, फाल्गुन 12 फरवरी, 12:22 PM 13 फरवरी, 02:25 PM
आमलकी एकादशी 27 फरवरी, शुक्रवार शुक्ल, फाल्गुन 27 फरवरी, 12:33 AM  27 फरवरी, 10:32 PM
पापमोचनी एकादशी 15 मार्च, रविवार कृष्ण, चैत्र 14 मार्च, 08:10 AM 15 मार्च, 09:16 AM
कामदा एकादशी 29 मार्च, रविवार शुक्ल, चैत्र 28 मार्च, 08:45 AM 29 मार्च, 07:46 AM
वरूथिनी एकादशी 13 अप्रैल, सोमवार कृष्ण, वैशाख 13 अप्रैल, 01:16 AM 14 अप्रैल, 01:08 AM
मोहिनी एकादशी 27 अप्रैल, सोमवार शुक्ल, वैशाख 26 अप्रैल, 06:06 PM 27 अप्रैल, 06:15 PM
अपरा एकादशी 13 मई, बुधवार कृष्ण, ज्येष्ठ 12 मई, 02:52 PM 13 मई, 01:29 PM
पद्मिनी एकादशी 27 मई, बुधवार शुक्ल, ज्येष्ठ 26 मई, 05:10 AM 27 मई, 06:21 AM
परम एकादशी  11 जून, गुरुवार कृष्ण, ज्येष्ठ 10 जून, 12:57 AM 11 जून, 10:36 PM
निर्जला एकादशी 25 जून, गुरुवार शुक्ल, ज्येष्ठ 24 जून, 06:12 PM 25 जून, 08:09 PM

आमलकी एकादशी (फाल्गुन मास)- 27 फ़रवरी 2026

फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी कहा जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। इस व्रत को करने से शरीर और मन दोनों में शांति आती है।

पापमोचनी एकादशी (चैत्र मास)-15 मार्च 2026

पापमोचनी एकादशी का व्रत चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है। इस व्रत को मानसिक शुद्धि और नकारात्मकता से मुक्ति का पर्व माना जाता है।

कामदा एकादशी (चैत्र मास)- 29 मार्च 2026

कामदा एकादशी चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहा जाता है। यह व्रत मनोकामनाओं की पूर्ति का मार्ग खोलता है। इस दिन व्रत और भक्ति से मन शांत होता है और जीवन में नए अवसर प्राप्त होते हैं।

वरूथिनी एकादशी (वैशाख मास)-13 अप्रैल 2026

वरूथिनी एकादशी का व्रत वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष में रखा जाता है। यह व्रत जीवन में सुरक्षा, संतुलन और धैर्य बढ़ाने वाला माना जाता है। इस व्रत को करने से जीवन की समस्त कठिनाइयां दूर होती हैं।

मोहिनी एकादशी (वैशाख मास)-27 अप्रैल 2026

वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन का व्रत भ्रम और मानसिक उलझन को दूर करने में मदद करता है।

अपरा एकादशी (प्रथम ज्येष्ठ मास)- 13 मई 2026

इस साल अधिकमास होने की वजह से ज्येष्ठ महीने में चार एकादशी तिथियां पड़ेंगी। पहली एकादशी जो ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष के ग्यारहवें दिन पड़ेगी। इस एकादशी का नाम अपरा एकादशी है। यह व्रत आत्मानुशासन, मानसिक शुद्धि और धैर्य बढ़ाने वाली मानी जाती है।

पुरुषोत्तम एकादशी (प्रथम ज्येष्ठ मास)-27 मई 2026

पुरुषोत्तम मास जिसे अधिकमास भी कहा जाता है इसमें पड़ने वाली एकादशी अत्यंत पुण्यदायक मानी जाती है।इस दिन व्रत करने से व्यक्ति के भीतर सकारात्मकता और संतुलन बढ़ता है।

पुरुषोत्तम एकादशी (द्वितीय ज्येष्ठ मास)-11 जून 2026

यह एकादशी मानसिक ऊर्जा, इच्छाशक्ति और आत्मिक संतुलन बढ़ाने के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है। इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति के जीवन का उत्साह बढ़ता है।

निर्जला एकादशी (द्वितीय ज्येष्ठ मास)- 25 जून 2026

निर्जला एकादशी वर्ष की सबसे कठिन और फलदायी एकादशी मानी जाती है। इस व्रत के कठोर नियम व्यक्ति के भीतर अद्भुत आत्मबल और धैर्य उत्पन्न करते हैं। इसका फल 24 एकादशियों के बराबर माना गया है।

एकादशी का नाम तिथि व दिन पक्ष/माह  आरंभ  समापन 
योगिनी एकादशी 11 जुलाई, शनिवार  कृष्ण, आषाढ़  10 जुलाई, 08:16 AM 11 जुलाई, 05:22 AM
देवशयनी एकादशी 25 जुलाई, शनिवार  शुक्ल, आषाढ़  24 जुलाई, 09:12 AM 25 जुलाई, 11:34 AM
कामिका एकादशी अगस्त, रविवार  कृष्ण, श्रावण  अगस्त, 01:59 PM अगस्त, 11:04 AM
श्रावण पुत्रदा एकादशी 24 अगस्त,सोमवार  शुक्ल, श्रावण  23 अगस्त, 02:00 AM  24 अगस्त, 04:18 AM
अजा एकादशी सितंबर, सोमवार  कृष्ण, भाद्रपद  सितंबर, 07:29 PM सितंबर, 05:03 PM
परिवर्तिनी एकादशी 22 सितंबर, मंगलवार  शुक्ल, भाद्रपद  21 सितंबर, 08:00 PM  22 सितंबर, 09:43 PM
इन्दिरा एकादशी अक्टूबर, मंगलवार  कृष्ण, आश्विन  अक्टूबर, 02:07 AM  अक्टूबर, 12:34 AM
पापांकुशा एकादशी 22 अक्टूबर, गुरुवार  शुक्ल, आश्विन  21 अक्टूबर, 02:11 PM 22 अक्टूबर, 02:47 PM
रमा एकादशी नवंबर, गुरुवार  कृष्ण, कार्तिक  नवंबर, 11:03 AM नवंबर, 10:35 AM
देवुत्थान एकादशी 21 नवंबर,शनिवार  शुक्ल, कार्तिक  20 नवंबर, 07:15 AM 21 नवंबर, 06:31 AM
उत्पन्ना एकादशी दिसंबर, शुक्रवार  कृष्ण, मार्गशीर्ष  दिसंबर, 11:03 PM दिसंबर, 11:44 PM
मोक्षदा (वैकुण्ठ) एकादशी 20 दिसंबर, रविवार  शुक्ल, मार्गशीर्ष  19 दिसंबर, 10:09 PM  20 दिसंबर, 08:14 PM

योगिनी एकादशी (आषाढ़ मास)- 11 जुलाई 2026

आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन व्रत करने से एकाग्रता बढ़ती है और कार्यों में निरंतरता आती है।

देवशयनी एकादशी (आषाढ़ मास)- 25 जुलाई 2026

आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन से श्री हरि योग निद्रा में जाते हैं। इसी दिन से चातुर्मास की शुरुआत होती है।

कामिका एकादशी (श्रावण मास)-9 अगस्त 2026

सावन के महीने में कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है। इस दिन का व्रत करने से सभी मनोकामनाओं को पूर्ति हो सकती है।

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श्रावण पुत्रदा एकादशी (श्रावण मास) 23 अगस्त 2026

श्रावण पुत्रदा एकादशी सावन महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ती है। इस दिन का व्रत और भक्ति से मन की अशांति दूर होती है और जीवन में शुभता बढ़ती है। यह तिथि आत्मिक उन्नति के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है।

अजा एकादशी (भाद्रपद मास)-7 सितंबर 2026

भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अजा एकादशी कहा जाता है। इस व्रत को करने से मन शांत होता है और व्यक्ति में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है।

पद्मा एकादशी (भाद्रपद मास)- 22 सितंबर 2026

पद्मा एकादशी भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष में पड़ती है। यह सौभाग्य, शांति और समृद्धि बढ़ाने वाली मानी जाती है। इस तिथि पर व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में स्थिरता आती है और परिवार में सुख का वातावरण बनता है।

इन्दिरा एकादशी (आश्विन मास)- 6 अक्टूबर 2026

यह एकादशी तिथि पितरों की शांति और मन की पवित्रता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस व्रत को करने से मन के बोझ हल्के होते हैं और जीवन में नई ऊर्जा आती है। यह तिथि आत्मिक शांति और संतुलन बढ़ाने में विशेष सहायक है।

पापांकुशा एकादशी (आश्विन मास)- 22 अक्टूबर 2026

पापांकुशा एकादशी अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष को पड़ती है। यह नकारात्मकता को दूर कर सद्गुणों को बढ़ाने का अवसर देती है। इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति की सोच को संयमित किया जा सकता है।

रमा एकादशी (कार्तिक मास)- 5 नवंबर 2026

रमा एकादशी कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ती है। यह जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और मानसिक शांति बढ़ाने वाली तिथि मानी जाती है।

देव उठनी एकादशी (कार्तिक मास)- 21 नवंबर 2026

देव उठनी एकादशी भगवान विष्णु के जागरण का शुभ दिन माना जाता है। इस दिन देवतागण चार महीने की योगनिद्रा से बाहर आते हैं।

उत्पन्ना एकादशी (मार्गशीर्ष मास)- 4 दिसंबर 2026

उत्पन्ना एकादशी एकादशी व्रत की शुरुआत का महत्व लिए होती है। व्रत और साधना व्यक्ति के भीतर संयम और आध्यात्मिक शक्ति का विकास करती है। यह तिथि जीवन में नए विचारों और सकारात्मकता को बढ़ाती है।

मोक्षदा एकादशी (मार्गशीर्ष मास)- 20 दिसंबर 2026

मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष में होती है और इसे मुक्ति, शांति और मानसिक पवित्रता का मार्ग माना जाता है। यह व्रत करने से नकारात्मक भाव दूर होते हैं और जीवन में संतुलन बढ़ता है। यह तिथि आंतरिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।

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