मां त्रिपुर भैरवी की पूजा और साधना से भक्तों को अद्भुत शक्तियाँ और सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं। वे अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं और उन्हें भय और बुराई से मुक्त करती हैं। मां त्रिपुर भैरवी की कथा और साधना की परंपरा हिन्दू धर्म के तंत्र शास्त्र में अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनकी कृपा से साधक अपने जीवन में सभी कठिनाइयों को पार करते हुए उन्नति की ओर अग्रसर होते हैं। मां त्रिपुर भैरवी हिन्दू धर्म और दसमहाविद्या की एक प्रमुख देवी हैं, जिन्हें शक्ति, तंत्र और साधना के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। आइए विस्तार से जानें मां त्रिपुर भैरवी की उत्पत्ति और उनकी कहानी:
मां त्रिपुर भैरवी की उत्पत्ति
मां त्रिपुर भैरवी की उत्पत्ति की कहानी कई पुराणों और तांत्रिक ग्रंथों में मिलती है। प्रमुख कहानियाँ निम्नलिखित हैं:
1.देवी भागवत पुराण:
देवी भागवत पुराण में मां त्रिपुर भैरवी को देवी पार्वती का एक उग्र और रौद्र रूप माना गया है।
कहा जाता है कि जब देवी पार्वती ने अपने पति भगवान शिवके ध्यान को भंग करने का प्रयास किया और असफल रहीं, तब उन्होंने अपनी उग्रता का प्रदर्शन किया और त्रिपुर भैरवी के रूप में प्रकट हुईं।
2.तंत्र शास्त्र:
तांत्रिक ग्रंथों के अनुसार, मां त्रिपुर भैरवी का प्रकट होना संसार के तीनों लोकों (भूरलोक, भुवर्लोक और स्वर्लोक) में हो रहा अधर्म और अराजकता को समाप्त करने के लिए हुआ था।
"त्रिपुर" का अर्थ है "तीन लोक" और "भैरवी" का अर्थ है "भय को हरने वाली देवी"। इसलिए, उन्हें तीनों लोकों की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है, जो अपने भक्तों को भय और बुराई से मुक्त करती हैं।
3.महाकाली और तारा का संयोग:
कुछ कहानियों में मां त्रिपुर भैरवी को महाकाली और तारा देवी का संयोजन माना गया है। वे महाकाली की उग्रता और तारा की करुणा का समिश्रण हैं, जिससे वे त्रिपुर भैरवी देवी बनती हैं।
मां त्रिपुर भैरवी के बारे में
1.रूप:
मां त्रिपुर भैरवी का स्वरूप अत्यंत उग्र और शक्तिशाली होता है। उन्हें अक्सर लाल वस्त्रों में सुसज्जित किया जाता है।
उनके मुख से ज्वाला प्रकट होती है और उनकी आँखें उग्रता से भरी होती हैं।
2.शस्त्र:
मां त्रिपुर भैरवी के हाथों में विभिन्न शस्त्र हैं, जैसे त्रिशूल, तलवार और खड्ग। ये शस्त्र उनके शक्तिशाली और रौद्र स्वरूप को दर्शाते हैं।
वे अपने शत्रुओं का नाश करने और अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए सदैव तत्पर रहती हैं।
इसे भी पढ़ें: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के छठे दिन करें छिन्नमस्ता स्तोत्र का पाठ, मां का मिलेगा आशीर्वाद
3.वाहन:
मां त्रिपुर भैरवी का वाहन सिंह होता है, जो उनकी शक्ति और साहस का प्रतीक है।
पूजा और साधना
मां त्रिपुर भैरवी की पूजा और साधना तंत्र शास्त्र में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। तांत्रिक साधक उनके मंत्रों और यंत्रों का उपयोग करके विशेष सिद्धियाँ प्राप्त करते हैं।
1.त्रिपुर भैरवी मंत्र:
साधक मां त्रिपुर भैरवी के बीज मंत्र का जाप करते हैं। यह मंत्र उनके अनुग्रह और शक्ति को प्राप्त करने में मदद करता है।
उदाहरण के लिए: "ॐ त्रिपुर भैरव्यै नमः"
2.त्रिपुर भैरवी यंत्र:
मां त्रिपुर भैरवी के यंत्र का उपयोग तांत्रिक साधनाओं में किया जाता है। यह यंत्र उनके दिव्य ऊर्जा को आह्वान करने और साधना में सफलता प्राप्त करने के लिए उपयोगी होता है।
3.उपवास और अनुष्ठान:
भक्त मां त्रिपुर भैरवी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए उपवास रखते हैं और विशेष अनुष्ठान करते हैं।
इसे भी पढ़ें: कौन हैं मां दुर्गा की अवतार मां भुवनेश्वरी, गुप्त नवरात्रि में जानें इनकी महिमा
यह अनुष्ठान उनकी कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए किए जाते हैं।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image Credit: amazon
HerZindagi Video
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों