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Pitru Paksha Shradh Mantra 2025: श्राद्ध में कौन से मंत्रों का जाप करना चाहिए?

पितृपक्ष के दौरान जहां एक ओर पितरों की पूजा का विधान है तो वहीं, पितृ पूजन के दौरान कुछ मंत्रों का जाप करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-09-02, 21:57 IST

Pitru Paksha 2025 ke Mantra: पितृ पक्ष में न केवल पूजा-पाठ का खास ध्यान रखना जरूरी होता है बल्कि इसमें अन्न, जल, वस्त्र और तिल का दान पितरों की आत्मा को शांति देने वाला माना गया है, लेकिन इसमें आपको नियमों का ध्यान रखना जरूरी है। हालांकि, दान के दौरान लोग कुछ ऐसी गलती कर जाते हैं, जिससे दान करना भी लोगों पर उल्टा पड़ जाता है। अगर आप पूजा पाठ और दान के दौरान नियमों का सही तरीके से पालन करते हैं, तो इससे जीवन में धन, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। पितृ पूजन के दौरान विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है। कहा जाता है कि जब इन मंत्रों का सही तरीके से जाप किया जाए, तो पूवर्जों को खुश किया जा सकता है। चलिए ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स जानते हैं कि पितृपक्ष के दौरान किन मत्रों का जाप करना शुभ है।

पितरों के मूल मंत्र

  • ॐ पितृ देवतायै नम:।
  • ॐ आगच्छन्तु में पितर एवं ग्रहन्तु जलान्जलिम’
  • ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।

pitru paksha ke mantra

  • ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।
  • ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव चनम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:

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पितृ गायत्री मंत्र

  • ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।
  • ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।
  • ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्।

पितृ तृप्ति मंत्र

  • गोत्रे अस्मतपिता (पितरों का नाम ) शर्मा वसुरूपत् तृप्यतमिदं तिलोदकम
  • गंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः।

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अन्य पितृ मंत्र

  • गोत्रे अस्मन्माता (माता का नाम) देवी वसुरूपास्त् तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जल वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः॥

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  • गोत्रे अस्मत्पितामह (दादा का नाम) वसुरूपत तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः॥
  • गोत्रे अस्मत्पितामह (दादी का नाम) वसुरूपत तृप्यतमिदं तिलोदकम गंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः॥

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महा मृत्युंजय मंत्र

  • ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर पितृपक्ष के दौरान कौन से मंत्रों का जाप करना चाहिए और क्या है इससे मिलने वाले लाभ। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi 

FAQ
क्या पितृ पक्ष में संकेत मिलते हैं?
मान्यता है कि पितृ पक्ष में अगर आप सही नियमों का पालन करते हैं, तो आपके पितर संकेतों के माध्यम से परिवार तक संदेश पहुंचाते हैं। जैसे- घर में कौआ आना, कुत्ता या गाय का व्यवहार बदलना, सांप का दिखना आदि।
पितृ पक्ष में महिलाएं क्या कर सकती हैं?
पारंपरिक रूप से श्राद्ध कर्म पुरुष करते हैं, लेकिन कुछ जगहों पर महिलाएं भी तर्पण और पितरों को अर्पण कर सकती हैं। महिलाएं दान-पुण्य, ब्राह्मण भोज और संतान की भलाई के लिए व्रत रख सकती हैं।
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