हिंदू धर्म में विवाह की परंपराएं अपने आप में एक समृद्ध संस्कृति और गहरे अर्थ समेटे हुए हैं। इनमें हर रस्म का अपना एक विशेष महत्व होता है, जो वर-वधू के आने वाले जीवन के लिए शुभकामनाओं और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। इन्हीं महत्वपूर्ण रस्मों में से एक है- गठबंधन, जिसे विवाह की सबसे पवित्र और अहम रस्मों में से एक माना जाता है। गठबंधन की रस्म को निभाने के लिए भी कुछ नियम है, जिनका पालन करना जरूरी होता है। इस दौरान, वर के पल्लू को वधू की चुनरी से बांधा जाता है, जो इस बात का प्रतीक है कि दोनों अब एक अटूट बंधन में बंधने जा रहे हैं और जीवन भर एक-दूसरे के साथ रहेंगे। गठबंधन से ठीक पहले दुल्हन की चुनरी के एक सिरे में कुछ खास और शुभ सामग्री रखी जाती है। यह सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि इसके पीछे गहरा धार्मिक महत्व छिपा होता है। ये सामग्रियां नवविवाहित जोड़े के लिए सुख, समृद्धि और सौभाग्य के कारक माने जाते हैं। तो आइए ज्योतोषाचार्य अरविंद त्रिपाठी से जानते हैं कि विवाह में गठबंधन से पहले दुल्हन की चुन्नी में कौन-कौन सी शुभ चीजें रखी जाती हैं और उनका क्या महत्व है।
गठबंधन से पहले दुल्हन की चुन्नी में क्या-क्या रखे जाते हैं?
गठबंधन की रस्म के दौरान, दुल्हन की चुनरी के पल्लू में कुछ विशेष चीजें रखी जाती हैं, जिन्हें शुभ माना जाता है। ये चीजें मुख्य रूप से नवदंपति के सुखी और समृद्ध जीवन की कामना के साथ जोड़ी जाती हैं। इस दौरान दुल्हन की चुन्नी में रुपये, चावल, हल्दी, दूर्वा और सुपारी जैसे शुभ और पवित्र चीजें रखी जाती हैं।
इन सामग्रियों के साथ जब वर के पल्लू को वधू की चुनरी में गांठ बांधा जाता है, तो यह सिर्फ दो व्यक्तियों का मिलन नहीं होता, बल्कि दो परिवारों, दो आत्माओं और दो जीवन के लक्ष्यों का पवित्र मिलन होता है। यह इस बात का प्रतीक माना जाता है कि वे अब एक-दूसरे के सुख-दुख में सहभागी होंगे और अपने जीवन की जिम्मेदारियों को मिलकर निभाएंगे।
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गठबंधन के समय चुन्नी में इन चीजों को रखने का महत्व
गठबंधन के समय चुन्नी में रुपये या सिक्के समृद्धि और धन-धान्य का प्रतीक होते हैं। यह इस बात की कामना करता है कि नवविवाहित जोड़े के जीवन में कभी आर्थिक संकट न आए और उन्हें हमेशा सुख-समृद्धि प्राप्त हो। साथ ही, चावल को हिंदू धर्म में पवित्रता, उर्वरता और प्रचुरता का प्रतीक माना जाता है। यह इस बात का संकेत है कि दंपति का जीवन अन्न-धन से भरा रहेगा और वे संतान सुख प्राप्त करेंगे। वहीं, हल्दी को शुभता, पवित्रता और अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
यह दुल्हन के लिए सुहाग और सौभाग्य की कामना करती है। पौराणिक मान्यता के मुताबिक, दूर्वा घास को अमरता, अनंतता और निरंतरता का प्रतीक माना जाता है। यह इस बात की कामना करती है कि नवदंपति का रिश्ता हमेशा हरा-भरा रहे और उनके जीवन में कभी कमी न आए। इसके अतिरिक्त सुपारी को स्थिरता, ईमानदारी और शुभता का प्रतीक माना जाता है। यह इस बात का भी प्रतीक है कि वर-वधू अपने वैवाहिक जीवन में हर निर्णय सोच-समझकर लेंगे और एक-दूसरे के प्रति वफादार रहेंगे।
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