places we should not visit if wearing tulsi mala

तुलसी की माला धारण करके इन 5 जगहों पर न जाएं, फायदे की जगह हो सकते हैं नुकसान

हिंदू धर्म में तुलसी माला धारण करने को एक पवित्र कर्म माना जाता है। जो लोग इसे धारण करते हैं उन्हें कई नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है, जिनमें से कुछ जगहों पर न जाने की बात भी है। 
Updated:- 2024-10-01, 16:13 IST

पवित्र तुलसी के पौधे से बनी माला का भी हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह माला भगवान विष्णु की भक्ति से गहराई से जुड़ी हुई होती है। तुलसी माला पहनना न केवल एक धार्मिक प्रथा है बल्कि एक आध्यात्मिक रूप से भी जरूरी होता है।

इसे धारण करना यह पवित्रता, भक्ति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। तुलसी को एक पवित्र पौधा माना जाता है और ऐसी मान्यता है कि इसमें दैवीय ऊर्जा होती है जो आध्यात्मिक विकास में सहायता कर सकती है और शांति और कल्याण की भावना को भी बढ़ावा दे सकती है।

हममें से कई लोग तुलसी की माला गले में या हाथ में ब्रेसलेट की तरह धारण करते हैं। इसे धारण करने के कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं जिनका पालन जरूरी माना जाता है, वहीँ यह भी कहा जाता है कि आपको यह माला कुछ विशेष स्थानों पर धारण करके नहीं जाना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार कुछ ऐसी जगहें हैं जहां तुलसी की माला पहनकरर जाने से इसके नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें इसके बारे में विस्तार से। 

श्मशान घाट या अंतिम संस्कार में न पहनें तुलसी की माला 

where we should not wear tulsi mala

यदि आप तुलसी की माला धारण करते हैं तो आपको भूलकर भी इसे पहनकर अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होना चाहिए। ज्योतिष में ऐसी मान्यता है कि तुलसी की माला धारण करने वाले को श्मशान घाट में प्रवेश नहीं करना चाहिए। इस स्थान पर तुलसी माला पहनने से आध्यात्मिक शुद्धता बाधित हो सकती है। इन स्थानों पर अच्छी और बुरी दोनों तरह की आत्माओं का वास होता है, इसलिए तुलसी माला पहनना वर्जित होता है। 

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तुलसी की माला में मांसाहारी रेस्टोरेंट में न जाएं 

तुलसी माला पहनने वाले लोगों के लिए प्रमुख प्रथाओं में से एक है सात्विक जीवन शैली का पालन करना। आमतौर पर आपको तुलसी की माला पहनने के बाद मांसाहारी रेस्टोरेंट में भोजन के लिए नहीं जाना चाहिए।

यहां तक कि आपको खाने में भी तामसिक चीजों को शामिल नहीं करना चाहिए। आपको तुलसी की माला धारण करने के बाद हमेशा सात्विक भोजन ही करना चाहिए। इससे आपके जीवन में कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं होता है।

ऐसा माना जाता है कि जिन स्थानों पर मांसाहार का सेवन किया जाता है या जानवरों का वध किया जाता है, वहां तामसिक ऊर्जा प्रवाहित होती है। ये ऊर्जाएं तुलसी माला पहनने वालों के आध्यात्मिक संतुलन को बिगाड़ सकती हैं।

तुलसी की माला पहनकर मदिरालय में न करें प्रवेश 

tulsi mala wearing rules

आपको तुलसी की माला पहनने के बाद कभी भी मदिरालय में प्रवेश भी नहीं करना चाहिए। ऐसे स्थानों को हिंदू धर्म सहित अधिकांश धार्मिक परंपराओं में आध्यात्मिक रूप से अशुद्ध माना जाता है।

तुलसी माला हमेशा से ही पवित्रता का प्रतीक मानी जाती रही है और इसे भक्ति का प्रतीक भी कहा जाता है। इस माला को पहनकर मदिरालय जैसे स्थान में प्रवेश करने को आपकी जीवन शैली के साथ विरोधाभास के रूप में देखा जाता है जिसका पालन न करने से आपके जीवन में नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि इन स्थानों पर राहु और केतु ग्रहों का शासन होता है, जो अपने अराजक और भ्रमित करने वाले प्रभावों के लिए जाने जाते हैं। ये ग्रह भ्रम, व्यसन और वास्तविकता से अलगाव का प्रतीक हैं। वहीं तुलसी भगवान विष्णु की शांत और शुद्ध करने वाली ऊर्जा से जुड़ी है। तुलसी की माला पहनकर ऐसी तामसिक जगहों से दूर रहने की सलाह दी जाती है। 

तुलसी की माला पहनकर शौचालय न जाएं 

प्राचीन ग्रंथों और ज्योतिष के अनुसार बाथरूम और शौचालय जैसे स्थानों को सफाई से जुड़े होने के कारण अशुद्ध माना जाता है। इन स्थानों पर आध्यात्मिक पवित्रता बनाए रखने के लिए तुलसी माला पहनने की सख्त मनाही होती है।

बाथरूम और शौचालय शनि ग्रह द्वारा शासित होते हैं, जो बीमारी और बाधाओं जैसे पहलुओं को नियंत्रित करते हैं। हालांकि आध्यात्मिक विकास में शनि का अपना स्थान है, लेकिन इसकी ऊर्जाएं तुलसी माला की शुद्धता के लिए अनुकूल नहीं हैं। तुलसी की माला को एक दिव्य वस्तु के रूप में देखा जाता है जिसे ऐसे अशुद्ध वातावरण के अधीन नहीं किया जाना चाहिए।

बूचड़खाने या पशु फार्म में तुलसी माला न पहनकर जाएं 

tulsi mala rules for prosperity

तुसली की माला पहनकर आपको ऐसी जगहों पर भी नहीं जाना चाहिए जहां भोजन के उत्पादन के लिए जानवरों का वध किया जाता है या उन्हें कैद में रखा जाता है। ये स्थान हिंदू धर्म में स्वाभाविक रूप से अशुद्ध माने जाते हैं।

इन स्थानों से जुड़ी हिंसा के कारण ऐसे स्थानों पर तुलसी की माला पहनने की सख्त मनाही होती है। बूचड़खानों में होने वाली हिंसा और रक्तपात को मंगल ग्रह से जोड़ा जाता है, जो आक्रामकता और संघर्ष का प्रतिनिधित्व करता है। ये ऊर्जाएं तुलसी माला की शांतिपूर्ण और सात्विक ऊर्जाओं से टकराती हैं। इन्हीं कारणों से तुलसी की माला पहनकर ऐसी जगहों पर जाने से मन किया जाता है। 

यदि आप भी किसी भी रूप में तुसली की माला पहनते हैं तो आपको यहां बताई बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।

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