Vat Savitri Amavasya 2025 Upay: पति से रहती है अनबन तो वट सावित्री के दिन करें ये 7 आसान उपाय

हिंदू धर्म में वट सावित्री का व्रत बहुत खास माना जाता है और इस दिन महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए व्रत उपवास करती हैं। अगर आपके वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव बने रहते हैं तो आपको कुछ विशेष उपाय आजमाने की सलाह दी जाती है।
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वट सावित्री व्रत हिंदू धर्म का एक विशेष पर्व है। यह हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि यदि महिलाएं इस दिन उपवास करती हैं और सच्चे मन से बरगद के वृक्ष की पूजा करती हैं तो उनके पति को भी वट वृक्ष की ही भांति दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता हो। इस दिन सुहागिन स्त्रियां उपवास करते हुए बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं, इसलिए इस पर्व को वट अमावस्या भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रती महिलाओं को कुछ विशेष नियमों का पालन करते हुए व्रत करना चाहिए और साथ ही यदि आप कुछ विशेष ज्योतिष उपाय भी आजमाती हैं तो आपके जीवनसाथी के साथ रिश्ते मजबूत बने रहते हैं। कई बार बिना वजह पति-पत्नी के बीच झगड़े होने लगते हैं और कारण पता कर पाना मुश्किल हो जाता है। इस साल वट सावित्री व्रत 26 मई, सोमवार को रखा जाएगा। ऐसे में यदि आप ज्योतिष के यहां बताए 7 उपाय वट सावित्री व्रत के दिन आजमाएं तो आपके वैवाहिक जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें उन उपायों के बारे में।

बरगद वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करें

bargad parikrama niyam

उपवास रखने के साथ यदि आप वट सावित्री के दिन बरगद के वृक्ष की भी पूजा करती हैं और इसकी परिक्रमा करती हैं तो यह उपाय बहुत कारगर माना जाता है। यदि आप बरगद के वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करें, तो इसका शुभ प्रभाव आपके वैवाहिक जीवन पर होता है और आपके रिश्ते मजबूत बने रहते हैं।
परिक्रमा के समय बरगद के वृक्ष पर सफेद या लाल सूती धागा बांधें और वट वृक्ष से पति की दीर्घायु का आशीर्वाद मांगें। इसके साथ ही आप बरगद की पूजा करते समय इसके पत्तों पर सिंदूर लगाएं और वही सिंदूर अपनी मांग में लगाएं।

वट सावित्री के दिन करें शिव-पार्वती की पूजा

आमतौर पर वट सावित्री अमावस्या के दिन बरगद के वृक्ष की पूजा की जाती है, लेकिन सुखी वैवाहिक जीवन के लिए आप इस दिन माता पार्वती की पूजा भगवान शिव के साथ जरूर करें और उनसे अपने वैवाहिक जीवन में सुख और शांति की कामना करें। इससे आपके रिश्ते में प्रेम और आकर्षण बना रहेगा और आपसी मन-मुटाव से भी छुटकारा मिलेगा।

पूजा के समय सोलह श्रृंगार करें

solah shringar in vat savitri puja

यदि आप वट सावित्री की पूजा के समय सोलह श्रृंगार करती हैं तो यह आपके लिए बहुत शुभ माना जाता है। सोलह श्रृंगार में विभिन्न प्रकार के आभूषण और सौंदर्य प्रसाधन शामिल होते हैं, जैसे कि मेहंदी, सिंदूर, बिंदी, मांग टीका, नथ, कुंडल, कंगन, चूड़ी, बिछुआ, पायल, लाल चुनरी आदि। इन श्रृंगारों को धारण करने से न केवल पूजा की पवित्रता बनी रहती है, बल्कि यह सुहागिन महिलाओं के लिए सौभाग्य और सुख की कामना का भी प्रतीक है। सोलह श्रृंगार के साथ की गई वट सावित्री की पूजा अधिक प्रभावशाली और फलदायी मानी जाती है।

वट सावित्री के दिन सत्यवान और सावित्री की कथा पढ़ें

मान्यता है कि वट सावित्री का व्रत करने वाली महिलाएं यदि इस दिन व्रत कथा नहीं पढ़ती हैं तो उन्हें पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। यदि आपके जीवनसाथी के साथ आपसी मन-मुटाव बने रहते हैं तो आपको इस दिन वट सावित्री की व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए। इससे आपके रिश्ते मजबूत बने रहते हैं और वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ता है।

वट सावित्री पूजा में लाल रंग का उपयोग करें

wearing red clothes in bargad puja

वट सावित्री अमावस्या के दिन पूजा के समय यदि आप लाल रंग के वस्त्र पहनें और लाल रंग के फूल वट वृक्ष को अर्पित करें तो यह आपके लिए बहुत शुभ माना जाता है। इससे आपके पति के साथ रिश्ते में प्रेम और आकर्षण बढ़ता है और आपसी मन-मुटाव दूर होता है। वट सावित्री की पूजा में लाल रंग का विशेष महत्व होता है। लाल रंग प्रेम, आकर्षण और समर्पण का प्रतीक माना जाता है, जो वैवाहिक जीवन में मजबूती और सुख-शांति लाने में सहायक होता है।

माता गौरी को लाल चुनरी अर्पित करें

यदि आप वट सावित्री पूजा के दिन माता गौरी को लाल चुनरी अर्पित करती हैं और उनसे पति की दीर्घायु का आशीर्वाद लेती हैं, तो यह बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन आप माता को सोलह श्रृंगार भी अर्पित करें और वट वृक्ष पर भी सुगाह की सामग्री चढ़ाएं। ऐसा करने से आपके वैवाहिक रिश्ते में मिठास बनी रहेगी और आपसी मन-मुटाव दूर होंगे।

चने की दाल का दान करें

वट सावित्री के दिन चने की दाल का दान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। यह दान न केवल आपके जीवन में पुण्य का कारण बनता है, बल्कि वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि भी लाता है। जरूरतमंदों को चने की दाल दान करने से पति-पत्नी के रिश्ते में प्रेम और सहयोग बढ़ता है। साथ ही, यह दान जीवन की चुनौतियों का सामना करने की शक्ति भी प्रदान करता है।

यदि आप वट सावित्री के दिन यहां बताए उपायों को आजमाती हैं तो आपके वैवाहिक जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है। आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर भेजें।

Images: Freepik.com

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