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Utpanna Ekadashi Vrat Paran Vidhi 2023: इस विधि से खोलें उत्पन्ना एकादशी का व्रत, जानें व्रत पारण समय

Utpanna Ekadashi Vrat Paran Vidhi 2023: पंचांग के अनुसार साल में कुल 24 एकादशी तिथियां पड़ती हैं। इन्हीं में से एक है मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी जिसे उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है। 
Editorial
Updated:- 2023-12-07, 13:16 IST

Utpanna Ekadashi 2023 Vrat Paran Time And Vidhi: हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत महत्व माना जाता है। पंचांग के अनुसार साल में कुल 24 एकादशी तिथियां पड़ती हैं। इन्हीं में से एक है मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी जिसे उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है। 

इस साल उत्पन्ना एकादशी 8 दिसंबर, दिन शुक्रवार को पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ एकादशी माता की पूजा का भी विधान है। वहीं, एकादशी व्रत में यह जरूरी है कि व्रत का पारण सही समय और विधि हो। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं इस बारे में।  

उत्पन्ना एकादशी 2023 व्रत पारण समय (Utpanna Ekadashi 2023 Vrat Paran time) 

utpanna ekadashi  par is samay kare vrat paran

उत्पन्ना एकादशी का व्रत पारण समय 9 दिसंबर, दिन शनिवार (शनिवार के उपाय) को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट से लेकर 3 बजकर 20 मिनट तक है। इस अवधि के मध्य में आप व्रत का पारण कर सकते हैं। हालांकि व्रत पारण की पूजा आप इस समय से पहले कर सकते हैं। 

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उत्पन्ना एकादशी 2023 व्रत पारण विधि (Utpanna Ekadashi Vrat Paran Vidhi 2023:) 

utpanna ekadashi  par aise kare vrat paran

उत्पन्ना एकादशी के के अगले दिन यानी कि द्वादशी तिथि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। फिर भगवान विष्णु का ध्यान करें और उन्हें भोग लगाएं। भोग में तुलसी दल अवश्य डालें। बिना तुलसी के विष्णु भगवान को भोग नहीं लगाया जाता है। 

मान्यता है कि उत्पन्ना एकादशी का व्रत पारण तुलसी दल के साथ करना चाहिए। ऐसे में  भगवान विष्णु (भगवान विष्णु के मंत्र) का भोग लगाने के बाद सबसे पहले तुलसी अपने मुंह में रखें। फिर उसके बाद फलाहार खाकर व्रत का पारण करें। श्री हरि का भोग भी खा सकते हैं। 

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इस बात का ध्यान रखें कि एकादशी व्रत का पारण कभी भी अन्न से नहीं होता है। हमेशा फल खाकर ही व्रत खोलना चाहिए। साथ ही, एकादशी व्रत का पारण हमेशा अगले दिन द्वादशी तिथि पर ही किया जाता है। एकादशी की शाम व्रत खोलने से वह अपूर्ण रह जाता है। 

 

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि किस समय में करें उत्पन्ना एकादशी का व्रत पारण और क्या है व्रत खोलने की संपूर्ण विधि। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। 

image credit: shutterstock   

FAQ
उत्पन्ना एकादशी व्रत में क्या खाना चाहिए?
उत्पन्ना एकादशी व्रत में सिर्फ एक समय ही फलाहार करना चाहिए।
उत्पन्ना एकादशी के दिन क्या न करें?
उत्पन्ना एकादशी के दिन तामसिक आहार पूरे दिन नहीं करना है। किसी से भी बुरा व्यवहार नहीं करना है। प्रभु विष्णु को अर्घ्य दिए बिना दिन की शुरुआत न करें।
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