
22 दिसंबर 2025, सोमवार का दिन आध्यात्मिक रूप से बहुत प्रभावशाली है क्योंकि इस दिन पौष माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। इस पंचांग की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सोमवार को पड़ रही है जो भगवान शिव की पूजा के लिए अत्यंत शुभ संयोग बनाता है। इस दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ के स्वामी शुक्र की मित्र राशि मकर में रहेंगे और 'उत्तराषाढ़ा' नक्षत्र का प्रभाव रहेगा जिसे सफलता और स्थायी लाभ का नक्षत्र माना जाता है। इस तिथि पर 'हर्षण' योग का प्रभाव रहेगा, जो मन में प्रसन्नता और उत्साह भरता है जिससे यह दिन किसी भी मांगलिक कार्य की रूपरेखा बनाने, नए निवेश करने या शिव-पार्वती की संयुक्त पूजा के लिए श्रेष्ठ है। साथ ही, सोमवार और तृतीया का मेल सुख-सौभाग्य में वृद्धि करने वाला माना गया है। ऐसे में आइये जानते हैं एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आज का पंचांग।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| पौष शुक्ल तृतीया (रात 02:12 PM तक) | उत्तराषाढ़ा | सोमवार | हर्षण | तैतिल |

| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 07:12 AM |
| सूर्यास्त | शाम 05:30 PM |
| चंद्रोदय | सुबह 09:47 AM |
| चंद्रास्त | रात 08:24 PM |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 05:21 AM से सुबह 06:16 AM तक |
| अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 12:00 PM से दोपहर 12:41 PM तक |
| विजय मुहूर्त | दोपहर 02:03 PM से दोपहर 02:44 PM तक |
| अमृत काल | दोपहर 01:54 PM से दोपहर 03:26 PM तक |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | सुबह 08:29 AM से सुबह 09:46 AM तक |
| यमगंड | सुबह 11:03 AM से दोपहर 12:21 PM तक |
| गुलिक काल | दोपहर 01:38 PM से दोपहर 02:55 PM तक |
| दिशाशूल | पूर्व दिशा |

22 दिसंबर 2025 को पौष शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। इस तिथि को कई क्षेत्रों में 'गौरी तृतीया' के रूप में श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। चूंकि यह सोमवार का दिन है, इसलिए शिव-शक्ति की संयुक्त पूजा का महत्व और भी बढ़ गया है। विवाहित महिलाएं इस दिन अपने अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए माता पार्वती की विशेष पूजा करती हैं। साथ ही, सोमवार और तृतीया का मेल होने के कारण यह दिन 'मनोरथ सिद्धि' के लिए उत्तम माना जाता है। इस दिन उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से लोग अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए व्रत रखते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं, जिससे जीवन में स्थिरता और विजय प्राप्त होती है।
सोमवार और तृतीया के इस शुभ संयोग पर शिवलिंग पर केसर मिला हुआ कच्चा दूध अर्पित करना सबसे प्रभावशाली उपाय है। इससे आर्थिक तंगी दूर होती है और घर में बरकत आती है। यदि आपके वैवाहिक जीवन में तनाव है, तो आज के दिन माता पार्वती को लाल चुनरी और श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें; इससे आपसी प्रेम बढ़ता है। चूंकि चंद्रमा इस दिन मकर राशि में हैं, इसलिए शाम के समय सफेद फूलों से भगवान शिव की पूजा करना और 'ॐ सों सोमाय नमः' मंत्र का जाप करना मानसिक शांति के लिए रामबाण सिद्ध होता है। इसके अलावा, किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दही या चीनी का दान करने से भाग्य के अवरोध दूर होते हैं और अटके हुए काम गति पकड़ने लगते हैं।
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