
21 दिसंबर 2025 का दिन पौष महीने का रविवार को पड़ रहा है, जो पूजा-पाठ के लिए सबसे शुभ माना जा रहा है। ऐसे में आप भी पंडित सौरभ त्रिपाठी जी, छिंदवाड़ा, एमपी के बताए गए मुहूर्त में सूर्य देव की आराधना कर सकती हैं। सूर्य आत्मविश्वास, नेतृत्व, प्रतिष्ठा, सरकारी कार्य, स्वास्थ्य का प्रतिनिधित्व करता है।
जब पौष मास और रविवार का संयोग बनता है तब यह दिन व्यक्ति को अपने कर्म, निर्णय और दिशा पर गंभीरता से विचार करने का संकेत देता है। इस दिन किए गए कार्य जब स्थायी और फल प्रदान करने वाले बनते हैं, जब उन्हें सही समय पर, उचित चोघड़िया मुहूर्त में किया जाए। विशेष रूप से यदि आप किसी जरूरी कार्य, जमीन जायदाद से जुड़े निर्णय, डॉक्यूमेंट से रिलेटेड प्रक्रिया, सरकारी काम, इन्वेस्टमेंट या धार्मिक अनुष्ठान करने की योजना बना रहे हैं, तो शुभ और अशुभ समय की स्पष्ट जानकारी होना बेहद आवश्यक हो जाता है।

दिन की शुरुआत उद्वेग चौघड़िया से हो रही है। यह समय मानसिक अस्थिरता, भ्रम और तनाव का संकेत देता है। पौष रविवार के दिन इस समय कोई नया कार्य, यात्रा या महत्वपूर्ण निर्णय लेना अवॉइड करना चाहिए। इस दौरान किए गए कार्यों में अनावश्यक अड़चन या गलतफहमी की संभावना रहती है। इसके बाद चल चौघड़िया आता है, चल चौघड़िया को सामान्य श्रेणी में रखा जाता है। यह समय नियमित कार्यों, मीटिंग या यात्रा के लिए ठीक रहता है, लेकिन किसी बड़े या स्थायी निर्णय के लिए यह सर्वोत्तम नहीं माना जाता। पहले से चल रहे कार्य इस दौरान पूरे किए जा सकते हैं।
लाभ चौघड़िया यह दिन का पहला शुभ समय है। रविवार के दिन लाभ चौघड़िया विशेष महत्व रखता है। आर्थिक मामलों, प्रॉपर्टी से जुड़े निर्णय, व्यापारिक चर्चा, निवेश और शिक्षा संबंधी कार्यों के लिए यह समय अनुकूल माना जाता है। इस दौरान लिया गया निर्णय आगे चलकर उन्नति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके बाद आने वाला अमृत चौघड़िया पूरे दिन का सबसे श्रेष्ठ समय माना जाता है। पौष रविवार के दिन यह समय और भी फलदायी हो जाता है। पूजा-पाठ, मंत्र-जप, प्रॉपर्टी रजिस्ट्री, दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर, महत्वपूर्ण समझौते और धार्मिक अनुष्ठान इस समय किए जा सकते हैं। अमृत चौघड़िया में किया गया कार्य दीर्घकालिक लाभ देता है।
| मुहूर्त का नाम | मुहूर्त का समय |
| उद्वेग | 06:46 बजे से 08:07 बजे तक |
| चल | 08:07 बजे से 09:27 बजे तक |
| लाभ | 09:27 बजे से 10:47 बजे तक |
| अमृत | 10:47 बजे से 12:08 बजे तक |

पौष मास की रातें आत्ममंथन और साधना के लिए अनुकूल मानी जाती हैं। इस दिन रात का चोघड़िया भी विशेष महत्व रखता है। रात्रि की शुरुआत शुभ चौघड़िया से होती है। यह समय पूजा-पाठ, सूर्य साधना और सकारात्मक कार्यों के लिए अनुकूल रहता है। अमृत चौघड़िया यह रात्रि का सबसे श्रेष्ठ समय माना जाता है। इस दौरान किया गया जप, ध्यान या कोई शांत निर्णय मानसिक स्पष्टता देता है। चल चौघड़िया यह समय सामान्य रहता है। हल्के-फुल्के कार्य, अध्ययन या यात्रा की योजना बनाई जा सकती है। रोग इस समय नया कार्य शुरू करने से बचना चाहिए। स्वास्थ्य और मानसिक शांति पर ध्यान देना बेहतर रहता है।
| मुहूर्त का नाम | मुहूर्त का समय |
| शुभ | 05:29 बजे से 07:09 बजे तक |
| अमृत | 07:08 बजे से 08:48 बजे तक |
| चल | 08:48 बजे से 10:28 बजे तक |
| रोग | 10:28 बजे से 12:08 बजे तक |

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