(tulsi vivah puja vidhi at home) हिंदू पंचांग के अनुसार देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और फिर कार्तिक माह के देवउठनी एकादशी के दिन योग निद्रा से जागते हैं। वहीं भगवान विष्णु के योग निद्रा से जागने के बाद ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है। बता दें, इस साल दिनांक 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी है और दिनांक 24 नवंबर को तुलसी विवाह है। इस एकादशी में शालीग्राम और वृंदा का विवाह कराया जाता है।
अब ऐसे में अगर आप पर तुलसी विवाह कर रहे हैं, तो किस विधि से करना शुभ माना जाता है। इसके बारे में जानना जरूरी है।
आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
इस विधि से करें घर पर तुलसी विवाह (Tulsi Vivah Puja Vidhi)
- तुलसी विवाह के दिन तुलसी के पौधे को घर के बीच या आंगन में एक चौकी पर स्थापित करें।
- तुलसी के गमले में गेरु और लाल चुनरी से दुल्हन की तरह सजाएं।
- तुलसी विवाह के दिन घर की छत या मंदिर में विधि कर सकते हैं।
- तुलसी के पौधे की चौकी के साथ भगवान शालीग्राम की मूर्ति स्थापित करें और माता तुलसी को शालीग्राम भगवान के दाएं तरफ रखें।
- उसके बाद अष्दल कमल बनाएं।
- उसके बाद उसके ऊपर पानी का कलश रखने के साथ स्वास्तिक बनाएं। पश्चात नारियल रखें।
- गन्ने का मंडप बनाएं और उसके बीच में तुलसी का पौधा लगाकर घी का दीपक जलाएं।
- शालीग्राम भगवान को हल्दी (हल्दी के उपाय) अवश्य लगाएं। इतना ही नहीं, गन्ने के मंडप पर भी हल्दी का लेप लगाएं।
- इसके हाद शालीग्राम भगवान को चौकी समेत हाथ में लेकर तुलसी की सात बार परिक्रमा करें।
इसे जरूर पढ़ें - Tulsi Vivah 2023 : तुलसी विवाह के दिन चावल के इन उपायों को आजमाएं, सभी कार्यों में मिल सकती है सफलता
- इस बात का ध्यान रखें कि शालीग्राम की चौकी कोई पुरुष ही उठाएं और उस दौरान मंगल (मंगलदोष उपाय) गीत अवश्य गाएं।
- आखिर में मां तुलसी और शालीग्राम भगवान दोनों की आरती करें। इसके बाद ही विवाह संपन्न होने की घोषणा करें।
- पश्चात भगवान को लगाया भोग सभी को बांटें।
- इस दिन खीर और पूड़ी के प्रसाद का भोग ही लगाना चाहिए।
इसे जरूर पढ़ें - Tulsi Vivah 2023: तुलसी विवाह के दिन इन बातों का जरूर रखें ध्यान, जानें महत्व
तुलसी विवाह के दौरान इस मंत्र का करें उच्चारण (Tulsi Vivah Mantras)
- तुलसी स्तुति मंत्र- देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।
- तुलसी मंगलाष्टक मंत्र- ॐ श्री मत्पंकजविष्टरो हरिहरौ, वायुमर्हेन्द्रोऽनलः चन्द्रो भास्कर वित्तपाल वरुण, प्रताधिपादिग्रहाः प्रद्यम्नो नलकूबरौ सुरगजः, चिन्तामणिः कौस्तुभः स्वामी शक्तिधरश्च लांगलधरः, कुवर्न्तु वो मंगलम्।
- तुलसी माता का ध्यान मंत्र - तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी। धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।। लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्। तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
- तुलसी नामाष्टक मंत्र - वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी। पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।। एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम। य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image Credit- Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों