(Shardiya Navratri 2023) हिंदू पंचांग के अनुसार दिनांक 22 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन है। इस दिन मां दुर्गा के अष्टमी स्वरूप महागौरी की पूजा-अर्चना की जाती है। इससे व्यक्ति को सभी सुख-सुविधाओं की प्राप्ति हो सकती है। अब ऐसे में महाष्टमी के दिन महागौरी की किस विधि से पूजा की जाती है, मंत्र क्या है, क्या भोग लगाएं। इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है।
आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
जानें कौन हैं महागौरी? (Who is Maa Mahagauri)
मां दुर्गा की आठवीं शक्ति मां महागौरी हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि मां ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए कड़ी तपस्या की थी। तपस्या के समय मां हजारों साल तक बिना अन्न और के रहीं थीं। जिससे उनका शरीर काला पड़ गया था।
तब माता के कठोर तपस्या से भगवान शिव बेहद प्रसन्न हुए थे और अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। साथ ही उनकजे शरीर को गंगा के पवित्र जल से धोकर उन्हें गौर वर्ण यानी कि गोरा रंग हो गया। इस बाद मां पार्वती के इस स्वरूप को महागौरी के नाम से जाना जाता है।
इस विधि से करें मां महागौरी की पूजा (Maa Mahagauri Puja vidhi)
शारदीय नवरात्रि की महाअष्टमी के दिन मां दुर्गा के आठवीं शक्ति महागौरी की पूजा की जाती है। इसलिए इस सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और सफेद वस्त्र धारण करें। उसके बाद घर की छत पर लाल रंग का ध्वजा लगाएं।
उसके बाद महागौरी को चंदन(चंदन के उपाय), मौली, कुमकुम, अक्षत, मोगरे का फूल चढ़ाएं। बता दें, इस अष्टमी तिथि पर देवी दुर्गा ने चंड-मुंड का संहार किया था। इसके साथ ही महाष्टमी तिथि के दिन मिट्टी के 9 कलश रखकर मां दुर्गा के 9 स्वरूपों का आह्वान किया जाता है। इससे माता की विशेष कृपा बनी रहती है।
जानें शारदीय नवरात्रि 2023 अष्टमी कब है? (When is Mahagauri Puja)
शारदीय नवरात्रि में महाष्टमी दिनांक 22 अक्टूबर को है। अष्टमी तिथि का आरंभ दिनांक 21 अक्टूबर को रात 09 बजकर 53 मिनट से लेकर अगले दिन इसकी समाप्ति दिनांक 22 अक्टूबर को रात 07 बजकर 58 मिनट पर होगी।
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जानें दुर्गाष्टमी का शुभ मुहूर्त (Mahagauri Shubh Muhurat)
- दुर्गाष्टमी के दिन शुभ मुहूर्त - सुबह 007 बजकर 51 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक है।
- दोपहर का शुभ मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से लेकर 02 बजकर 55 मिनट तक है।
- शाम का शुभ मुहूर्त - शाम 05 बजकर 45 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 55 मिनट तक है।
- संधि पूजा मुहूर्त - रात 07 बजकर 35 मिनट से लेकर 08 बजकर 22 मिनट तक है।
मां महागौरी के इस मंत्र का करें जाप (Maa Mahagauri Mantra)
गौरी मंत्र का 1100 बार जाप करें
हे गौरी शंकरधंगी, यथा तवं शंकरप्रिया ।
तथा मां कुरु कल्याणी, कान्तकान्तम् सुदुर्लभं ।।
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम् ।
तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम् ॥
विशेष मंत्र -
ॐ ह्रींग डुंग दुर्गायै नमः ।
“ॐ अंग ह्रींग क्लींग चामुण्डायै विच्चे ।
सर्वमङ्गलमङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते ॥
पाप नाश मंत्र का जाप करें
हिनस्ति दैत्यतेजांसि स्वनेनापूर्य या जगत् ।
सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्योऽन: सुतानिव ॥
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मां महागौरी स्तोत्र का जाप करें (Maa Mahagauri Stotra)
सर्वसंकट हंत्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्
ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाभ्यहम्
सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदीयनीम्
डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाभ्यहम्
त्रैलोक्यमंगल त्वंहि तापत्रय हारिणीम्
वददं चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्
महागौरी के लगाएं ये भोग (Mahagauri Bhog)
महागौरी को नारियल (नारियल के उपाय) का भोग या उससे बनी चीजों का भोग लगाएं। इससे मां प्रसन्न होती हैं और व्यक्ति के जीवन में आ रही सभी परेशानियों को दूर कर देती हैं।
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Image Credit- Freepik
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