(Shardiya Navratri 2023) हिंदू पंचांग के अनुसार दिनांक 23 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन है। इस दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। इससे व्यक्ति के सभी कार्य सिद्ध हो सकते हैं। अब ऐसे में महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की किस विधि से पूजा की जाती है, मंत्र क्या है, क्या भोग लगाएं। इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है।
आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
जानें कौन हैं मां सिद्धिदात्री (Who is Maa Siddhidatri)
मां दुर्गा के नौवें शक्ति को सिद्धिदात्री कहा जाता है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति के सभी कार्य सिद्ध हो सकते हैं। वहीं नवरात्रि पूजन के नौवें दिन माता सिद्धिदात्री की उपासना करने का विधान है। इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ जो व्यक्ति माता की साधना करता है, उसे सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है।
पौराणिक कथा के अनुसार ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने भी माता सिद्धिदात्री की कठोर तपस्या कर इनसे सभी आठ सिद्धियां प्राप्त की थीं।
तभी से इन्हें सिद्धिदात्री कहा जाता है। इन्हीं देवी का कृपा से महादेव (भगवान शिव मंत्र) की आधा शरीर देवीमय हो गया है, इसलिए उन्हें अर्धनारीश्वर कहा जाता है। नवरात्रि के नौवें दिन इनकी पूजा करने के साथ नवरात्र का समापन हो जाता है।
इस विधि से करें मां सिद्धिदात्री की पूजा (Maa Siddhidatri Puja Vidhi)
सबसे पहले सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें। उसके बाद साफ वस्त्र पहनें। मां सिद्धिदात्री के लिए पूजा स्थल तैयार करें। इसके बाद मां सिद्धिदात्री की प्रतिमा स्थापित करें। पश्चात मां सिद्धिदात्री का ध्यान करते हुए उनकी विधिवत पूजा करें और भोग लगाएं, फिर मां को फल, फूल अर्पित करें। अंत में आरती करें और मां सिद्धिदात्री का आशीर्वाद लें। इससे सभी काम सिद्ध हो सकते हैं।
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मां सिद्धिदात्री के इन मंत्रों का करें जाप (Maa Siddhidatri Mantras)
मां सिद्धिदात्री के इन मंत्रों का जाप जरूर करें। इससे लाभ हो सकता है और सभी काम सिद्ध हो सकते हैं।
- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ।
- ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ।।
- वन्दे वांछित मनोरथार्थ चन्द्रार्घकृत शेखराम् ।
- कमलस्थितां चतुर्भुजा सिद्धीदात्री यशस्वनीम् ।।
- या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता ।
- नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
मां सिद्धिदात्री के ध्यान मंत्र का जाप करें जाप (Mantra for Maa Siddhidatri)
- या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
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महानवमी के दिन करें कन्या पूजन और हवन (Kanya Pujan and Hawan)
नवरात्रि के अंतिम दिन मां को विदाई देते समय कन्या पूजन और हवन विधिवत करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि हवन करने से व्यक्ति को व्रत का पूर्ण फल मिलता है और पूजा के बाद हवन जरूर करना चाहिए। इससे सभी कार्य सिद्ध होंगे।
महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री को लगाएं यो भोग (Maa Siddhidatri Bhog)
महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री को नारियल(नारियल के उपाय), पंचामृत और पुआ का भोग जरूर लगाएं। इससे माता बेहद प्रसन्न होती हैं।
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