Shardiya Navratri 2023: विवाह में आ रही है बाधा तो नवरात्रि के छठे दिन इस विधि से करें मां कात्यायनी की पूजा

दिनांक 20 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है। इस दिन मां कात्यायनी की पूजा करने का विधि-विधान है। 

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(Shardiya Navratri 2023) हिंदू पंचांग के अनुसार दिनांक 20 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है। इस दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाती है। इससे व्यक्ति के विवाह में आ रही सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं। मां कात्यायनी यश और सफलता का प्रतीक हैं। अब ऐसे में इस दिन मां कात्यायनी की किस विधि से पूजा की जाती है, मंत्र क्या है, क्या भोग लगाएं। इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है।

आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

जानें कौन है मां कात्यायनी (Who is Maa Katyayani)

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मां कात्यायनी सफलता और यश का प्रतीक हैं। सिंह पर सवार होने वाली देवी मां कात्यायनी, जो चतुर्भुज हैं। जिन्होंने अपनी दो भुजाओं में कमल और तलवार धारण किया है। एक भुजा वर मुद्रा और दूसरी भुजा अभय मुद्रा में रहती है। बता दें, मां कात्यायनी कात्यायन ऋषि की पुत्री के रूप में प्रकट हुईं थीं। इस वजह से अनका नाम कात्यायनी पड़ा। मां कात्यायनी की उत्पत्ति अत्याचार का अंत करने के लिए हुआ था। वह ऋषि-मुनियों को असुरों के अत्याचार से मुक्ति दिलाने के लिए मां दुर्गा ने कात्यायनी स्वरूप धारण किया।

इस विधि से करें मां कात्यायनी की पूजा (Maa Katyayani Puja vidhi)

सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त(ब्रह्म मुहूर्त उपाय)में स्नान करें और मां कात्यायनी की पूजा का संकल्प लें। उसके बाद मां कात्यायनी को स्मरण कर उनका गंगाजल (गंगाजल उपाय)से अभिषेक करें। पश्चात उन्हें वस्त्र, लाल गुलाब का फूल, अक्षत, धूप, दीप, गंध नेवैद्य आदि अर्पित करें। इस दौरान उनके मंत्रों का जाप करें। इसके साथ ही मां कात्यायनी की कथा का पाठ करें और घी के दीपक से माता की आरती उतारें।

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मां कात्यायनी के इस मंत्र का करें जाप (Maa Katyayani Mantra)

जिस भी जातक के विवाह में किसी प्रकार की कोई भी बाधा आ रही है, वह मां कात्यायनी के इन मंत्रों का जाप जरूर करें।

  • मां कात्यायनी बीज मंत्र - क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।
  • मां कात्यायनी प्रार्थना मंत्र - चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥
  • मां कात्यायनी स्तुति मंत्र - या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
  • मां कात्यायनी विशेष मंत्र - ॐ ह्रीं नम:।।'
  • चन्द्रहासोज्जवलकराशार्दुलवरवाहना।
  • कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।
  • ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥

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मां कात्यायनी स्तोत्र (Maa Katyayani Stotra)

मां कात्यायनी स्तोत्र का जाप जरूर करें।

  • कंचनाभा वराभयं पद्मधरा मुकटोच्जवलां।
  • स्मेरमुखीं शिवपत्नी कात्यायनेसुते नमोअस्तुते॥
  • पटाम्बर परिधानां नानालंकार भूषितां।
  • सिंहस्थितां पदमहस्तां कात्यायनसुते नमोअस्तुते॥
  • परमांवदमयी देवि परब्रह्मा परमात्मा।
  • परमशक्ति, परमभक्ति, कात्यायनसुते नमोअस्तुते॥

मां कात्यायनी को लगाएं ये भोग (Maa Katyayani Bhog)

honey bhog

मां कात्यायनी को शहद बहुत प्रिय है, इसलिए उन्हें पूजा के समय शहद का भोग जरूर लगाएं। इससे व्यक्ति को जटिल कार्य में सफलता मिलती है और यश की भी प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं विवाह में आ रही बाधा भी दूर हो जाती है।

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Image Credit- Freepik

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FAQ

  • दशहरा कब है?

    पंचांग के अनुसार आश्विन महीने की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 23 अक्टूबर शाम 05:44 से शुरू होगी और इसका समापन 24 अक्टूबर दोपहर 03:24 पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार दशहरा और विजयदशमी का पर्व 24 अक्टूबर 2023 को ही मनाया जाएगा.
  • दशहरा पूजा विधि क्या है?

    इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इसके बाद उसके ऊपर सभी शस्त्रों को स्थापित कर दें और फिर शस्त्रों की पुष्प, अक्षत, रोली, धूप दीप आदि से पूजा करें। इसी के साथ भगवान श्रीराम, भगवान गणेश, हनुमान जी, माता दुर्गा और मां सरस्वती की भी पूजा करें।
  • दशहरा के दिन क्या करें?

    दशहरे के दिन शाम के समय माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए मंदिर में झाड़ू दान करना चाहिए। इससे घर में धन और समृद्धि की वृद्धि होती है। दशहरे के दिन शमी के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।