मई का महीना अपने अंतिम पड़ाव पर है। इस दौरान एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व प्रदोष व्रत भी पड़ने वाला है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है और हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। जब त्रयोदशी तिथि शनिवार के दिन पड़ती है, तो इसे शनि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। इस व्रत का महत्व और भी अधिक इसलिए बढ़ जाता है, क्योंकि शनि प्रदोष व्रत संतान प्राप्ति, ग्रह दोषों से मुक्ति और जीवन में सुख-समृद्धि के लिए विशेष फलदायी माना जाता है।
अगर आप भी मई 2025 के आखिरी प्रदोष व्रत का पालन करना चाहती हैं और भगवान शिव व शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहती हैं, तो यह जानना जरूरी है कि यह व्रत कब है, पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और राहुकाल का समय क्या रहेगा। आइए, इस लेख में हम ज्योतिषाचार्य अरविंद त्रिपाठी से मई 2025 के अंतिम शनि प्रदोष व्रत से जुड़ी संपूर्ण जानकारी लेते हैं।
कब है मई महीने काशनिप्रदोष व्रत? (Shani Pradosh Vrat Kab Hai)
मई महीने का आखिरी प्रदोष व्रत 24 मई, 2025 को पड़ रहा है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है और हर महीने की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। चूंकि यह त्रयोदशी तिथि शनिवार को पड़ रही है, इसलिए इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा, जिसका ज्योतिषीय महत्व और भी बढ़ जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत हमेशा उस दिन किया जाता है जब त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल में लग रही हो। इस नियम के अनुसार, 24 मई, 2025, शनिवार को ही प्रदोष व्रत रखा जाएगा।
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मई महीने के आखिरी प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त (Shani Pradosh Puja Muhurat 2025)
- त्रयोदशी तिथि प्रारंभ- 24 मई, 2025 को शाम 7 बजकर 20 मिनट पर
- त्रयोदशी तिथि समापन- 25 मई, 2025 को दोपहर 3 बजकर 51 मिनट तक
- सुबह की पूजा के लिए- 24 मई, 2025 को सुबह 8 बजकर 52 मिनट से 10 बजकर 35 मिनट तक।
- शाम की पूजा के लिए लाभ चौघड़िया- दोपहर 3 बजकर 45 मिनट से शाम 5 बजकर 28 मिनट तक।
- शाम की पूजा के लिए अमृत चौघड़िया- शाम 5 बजकर 28 मिनट से शाम 7 बजकर 11 मिनट तक।
- शनि प्रदोष व्रत पर राहुकाल का समय- 24 मई को सुबह 8:52 AM से 10:35 AM तक रहेगा।
शनि प्रदोष व्रत रखने के महत्व
शनिवार के दिन पड़ने के कारण यह व्रत विशेष रूप से शनि प्रदोष व्रत कहलाता है, जिसका हिंदू धर्म में बेहद महत्व है। यह व्रत करने से व्यक्ति की कुंडली में चल रही शनि की ढैय्या, साढ़ेसाती और अन्य शनि दोषों के प्रभाव में कमी आती है। यह व्रत सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूरा करने वाला माना जाता है। शनि प्रदोष व्रत जीवन में शांति और स्थिरता लाता है, जिससे मानसिक तनाव कम होता है। जिन लोगों को नौकरी, व्यवसाय या कार्यस्थल पर लगातार समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हो, उनके लिए यह व्रत अत्यंत शुभ होता है। यह करियर में आने वाली बाधाओं को दूर करने में मदद करता है।
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