Mahalaxmi Vrat 2025: 30 या 31 अगस्‍त, कब से शुरू हो रहे हैं महालक्ष्‍मी व्रत ? सही तिथि और मुहूर्त पर पूजा कर आप भी हो सकती हैं मालामाल

महालक्ष्मी व्रत 2025 की शुरुआत 30 या 31 अगस्त से होगी? जानें सही तिथि, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और व्रत का महत्व। देवी लक्ष्मी की कृपा से पाएं धन, वैभव और घर में सुख-शांति।
Mahalaxmi Vrat
Mahalaxmi Vrat

सभी देवी देवताओं में माता लक्ष्‍मी का महत्‍व अलग ही है। माता लक्ष्‍मी की 8 स्‍वरूपों में महालक्ष्‍मी स्‍वरूप सबसे प्रभावशाली है और धन समृद्धि देने वाला है। अगर आप भी देवी लक्ष्‍मी की भक्‍त हैं और महालक्ष्‍मी व्रत रखने की आशा रखती हैं, तो आपको बता दें कि अगस्‍त से ही 16 दिन के लिए महा लक्ष्‍मी व्रत का आरंभ हो रहा है। हालांकि, लोगों में इस बात को लेकर मतभेद है कि यह व्रत 30 अगस्‍त से शुरू हो रहे हैं या फिर 31 अगस्‍त से। इस बारे में हमारी बात भोपाल के पंडित विनोद सोनी से हुई। वह कहते हैं, "भाद्रपद मास में महालक्ष्‍मी का व्रत आता है। यह व्रत शुक्‍ल पक्ष की अष्‍टमी तिथि से शुरू होता है और 16 दिन तक अश्‍वनि मास के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी तिथि पर समाप्‍त होता है। "

मान्‍यता है कि देवी लक्ष्‍मी का व्रत रखने से धन, समृद्धि और ऐश्‍वर्य की प्राप्‍त‍ि होती है और घर के क्‍लेश मिट जाते हैं। ऐसे में अगर आप भी यह व्रत रखना चाहती हैं, तो चलिए पहले इसका शुभ मुहूर्त और विधि जान लीजिए।

कब से शुरू हो रहे हैं महालक्ष्‍मी के व्रत ?

अष्‍टमी तिथि इस बार 30 अगस्‍ 2025 शनिवार रात को 10:47 पर लग रही है, इसलिए उदय तिथि के हिसाब से इस बार 31 अगस्‍त 2025 से यह व्रत प्रारंभ हो रहे हैं। यह व्रत 14 सितंबर तक चलेंगे। पंडित जी के अनुसार इस साल महालक्ष्‍मी व्रत पूरे 15 दिन के लिए पड़ रहे हैं।

how to do Mahalaxmi Vrat

क्‍या है महालक्ष्‍मी व्रत का महत्‍व?

महालक्ष्‍मी व्रत महिला और पुरुष दोनों ही रख सकते हैं और इन व्रतों को रखने से घर में धन की कमी खत्‍म होती है। अगर बहुत समय से आपके घर में आर्थिक स्थिति खराब चल रही है, तो इस व्रत को पूरी श्रद्धा से रखने से महालक्ष्‍मी की कृपा प्राप्‍त होती है। यदि कोई व्‍यक्ति देवी महाक्ष्‍मी का व्रत पूरी श्रद्धा से 16 दिन तक रखता है और विधि से उद्यापन करता है, तो उसके जीवन से दुख और दरिद्रता दोनों दूर हो जाते हैं।

कैसे करें महालक्ष्‍मी व्रत?

वैसे तो महालक्ष्‍मी के भक्‍त पूरे 16 दिन का व्रत रखकर 17वें दिन उसका उद्यापन कर लेते हैं। मगर जो लोग यह व्रत पूरे 16 दिन तक नहीं रख पाते हैं, वह 1 दिन, 4 दिन या फिर शुक्रवार के व्रत रखते हैं। इसके अलावा आप पहला और आखिरी व्रत रखने का भी संकल्‍प ले सकती हैं। अगर आप इन दिनों में महालक्ष्‍मी की विशेष पूजा करना चाहती हैं तो पहले दिन से एक दिन छोड़ दूसरे दिन आप देवी जी की विशेष पूजा कर सकती हैं।

16 days Mahalaxmi Vrat

महालक्ष्‍मी व्रत रखने के लाभ?

  • महालक्ष्‍मी व्रत रखने से केवल धन लाभ ही नहीं होता है बल्कि इस व्रत के और भी कई लाभ हैं। कुछ लाभ पंडित जी हमें बताते हैं-
  • महालक्ष्‍मी को लाल रंग का कपड़ा चढ़ाने से आपके जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
  • सुहागिन महिलाओं को महालक्ष्‍मी सोलह श्रृंगार चढ़ाने से अखंड सौभाग्‍य की प्राप्‍ती होती है।
  • अगर आप महालक्ष्‍मी व्रत के दौरान गरीबों में भोजन बांटती हैं, तो आपको इसका हजार गुना फल प्राप्‍त होता है।
  • महालक्ष्‍मी का व्रत रख रही हैं, तो पूरे 16 दिन आपको कनकधारा स्‍तोत्र का पाठ करना चाहिए। इससे भी आपके जीवन की समस्‍याएं कम होती हैं।

तो सभी को महालक्ष्‍मी व्रत की हार्दिक शुभकामनाएं। अगर आप भी यह व्रत रख रही हैं, तो ऊपर दी गई जानकारी आपके लिए बहुत लाभकारी है। इस लेख को शेयर और लाइक करें। इसी तरह और भी धार्मिक जानकारी पाने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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