कब रखा जाएगा जून 2025 का दूसरा प्रदोष व्रत? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

जहां एक ओर अभी कुछ समय पहले ही जून का पहला प्रदोष व्रत गया था तो वहीं, अब जून का दूसरा और आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत पड़ने वाला है। ऐसे में आइये जानते हैं जून के दूसरे प्रदोष व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व। 
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हिन्दू पंचांग के अनुसार, साल में 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं यानी कि हर माह में 2 प्रदोष व्रत। जहां एक ओर अभी कुछ समय पहले ही जून का पहला प्रदोष व्रत गया था तो वहीं, अब जून का दूसरा और आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत पड़ने वाला है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि आखिर जून का दूसरा और आषाढ़ महा का पहला प्रदोह व्रत कब रखा जाएगा, क्या है इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व।

जून 2025 का दूसरा प्रदोष व्रत कब है?

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आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 22 जून, रविवार के दिन रात 1 बजकर 21 मिनट से हो रहा है। वहीं, इसका समापन 23 जून, सोमवार के दिन रात 10 बजकर 9 मिनट पर होगा। ऐसे में आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष का पहला और जून का दूसरा या आखिरी प्रदोष व्रत 23 जून को रखा जाएगा।

जून 2025 के दूसरे प्रदोष का शुभ मुहूर्त

जून के दूसरे प्रदोष व्रत की पूजा के लिए शुभ समय प्रदोष काल माना जाता है, जो 23 जून को शाम 6 बजकर 52 मिनट से रात 8 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। इस दौरान भगवान शिव अपने रजत कैलाश भवन में प्रसन्न होकर तांडव करते हैं और सभी देवी-देवता उनकी स्तुति करते हैं। इसलिए इस समय में शिव जी की पूजा-अर्चना, मंत्र जाप और आरती करने से अधिकतम फल प्राप्त होता है।

वहीं, इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 3 बजकर 46 मिनट से सुबह 4 बजकर 28 मिनट तक है। यह सुबह का सबसे पहला और पवित्र मुहूर्त होता है। इस समय उठकर स्नान आदि करके भगवान शिव का ध्यान करना और पूजा की तैयारी करना बहुत शुभ माना जाता है। इस मुहूर्त में की गई साधना से मन शांत होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

इसके अलावा, अगर आप किसी कारण से प्रदोष काल में पूजा न कर सकें तो अभिजीत मुहूर्त जो सुबह 11 बजकर 33 मिनट से दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक है, इस दौरान पूजा कर सकते हैं। यह दिन का सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है जिसमें लगभग सभी शुभ कार्य किए जा सकते हैं। इस शुभ मुहूर्त में शिवलिंग पूजा करने से सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

वहीं, प्रदोष व्रत के दिन दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से दोपहर 3 बजकर 12 मिनट तक विजय मुहूर्त बन रहा है। यह मुहूर्त किसी भी कार्य में विजय प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। अगर आप किसी विशेष मनोकामना के लिए व्रत कर रहे हैं या कोई शुभ कार्य करना चाहते हैं तो इस समय का उपयोग कर सकते हैं। साथ ही, शाम 6 बजकर 50 मिनट से शाम 7 बजकर 11 मिनट तक गोधुली मुहूर्त है।

यह भी प्रदोष काल के आसपास का ही समय होता है, जब गायें चर कर घर लौटती हैं। इस समय की गई पूजा और दीपदान अत्यंत फलदायी होता है। इसके अलावा, नीतिशा मुहूर्त की अवधि रात 11 बजकर 40 मिनट से 24 जून 2025 को रात 12 बजकर 21 मिनट तक रहेगी। यह रात्रि का मुहूर्त है और विशेष रूप से गहन ध्यान के लिए उपयुक्त माना जाता है। विशेष साधना के लिए इस मुहूर्त का उपयोग कर सकते हैं।

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जून 2025 के दूसरे प्रदोष का महत्व

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शास्त्रों में बताया गया है कि जो भी कोई व्यक्ति प्रदोष व्रत का पालन करता है, उस व्यक्ति को दांपत्य जीवन का सुख मिलता है। भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा, शिव-शक्ति के आशीर्वाद से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं, पापों का नाश होता है, आरोग्य की प्राप्ति होती है और कष्टों का निवारण हो जाता है। भगवान शिव की कृपा से धन, सुख-समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त होता है।

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image credit: herzindagi

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FAQ

  • प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर कौन से फूल चढ़ाएं? 

    प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर कनेर, चमेली, अपराजिता, सफेद मदार, आक, बेल, और धतूरा जैसे फूल चढ़ाना शुभ माना जाता है।