sawan vinayak chaturthi 2025 date shubh muhurat and significance

सावन की विनायक चतुर्थी का व्रत कब रखा जाएगा, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा का महत्व

हिंदू धर्म में सावन माह में पड़ने वाली विनायक चतुर्थी व्रत का विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि इनकी पूजा से व्यक्ति के जीवन में आ रहे सभी विध्न दूर हो जाते हैं। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि सावन विनायक चतुर्थी व्रत कब रखा जाएगा। 
Editorial
Updated:- 2025-07-24, 14:38 IST

सावन माह में पड़ने वाली विनायक चतुर्थी का अपना एक विशेष महत्व है। इस दिन भक्त भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं, व्रत रखते हैं और उनसे सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। यह माना जाता है कि सावन विनायक चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और विघ्न दूर होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि अगर आप इस दौरान कोई शुभ काम करने की सोच रहे हैं तो विनायक चतुर्थी के दिन किया जा सकता है। अब ऐसे में इस साल सावन विनायक चतुर्थी व्रत कब रखा जाएगा? आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

सावन विनायक चतुर्थी व्रत कब रखा जाएगा?

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भगवान गणेश को समर्पित विनायक चतुर्थी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने, जीवन से बाधाओं को दूर करने और सुख-समृद्धि लाने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होने के साथ-साथ भगवान गणेश की पूजा के लिए भी विशेष फलदायी होता है। बता दें, सावन विनायक चतुर्थी का व्रत 28 जुलाई, सोमवार को रखा जाएगा। इस दिन एक खास संयोग भी बन रहा है क्योंकि यह सावन सोमवार के साथ पड़ रहा है, जिससे इस व्रत का महत्व और भी बढ़ जाएगा। चतुर्थी तिथि 27 जुलाई की रात 10 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर 28 जुलाई की रात 11 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि के अनुसार, व्रत 28 जुलाई को ही रखा जाएगा।

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सावन विनायक चतुर्थी व्रत के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

भगवान गणेश की पूजा के लिए मध्याह्न का समय सबसे उत्तम माना जाता है। इसलिए आप इन मुहूर्तों में विधिवत रूप से पूजा-पाठ कर सकते हैं।

  • ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 17 मिनट से 04 बजकर 59 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 37 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त- शाम 07 बजकर 15 मिनट से 07 बजकर 36 मिनट तक
  • निशिता मुहूर्त- रात 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक

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सावन विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा का महत्व

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भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देव माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले गणेश जी की पूजा करने का विधान है ताकि वह कार्य निर्विघ्न संपन्न हो। सावन विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व है। गणेश जी को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य का देवता माना जाता है। इस दिन उनकी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं। ऐसी मान्यता है कि गणेश चतुर्थी पर व्रत रखने और पूजा करने से व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है और उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त होता है।

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Image Credit- HerZindagi

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