हिंदू पंचांग के हिसाब से हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन पुत्रदा एकादशी का व्रत किया जाता है। वहीं इस साल पुत्रदा एकादशी 16 अगस्त को किया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। ऐसी कहा जाता है कि पुत्रदा एकादशी के दिन जृो दांपत्ति व्रत रखता है और पूजा-अर्चना करता है। उसे संतान सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद भी मिलता है। अब ऐसे में पुत्रदा एकादशी के दिन पूजा किस विधि से करना है और पूजन सामग्री क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
पुत्रदा एकादशी के दिन पूजा के लिए सामग्री क्या है?
सावन मास में आने वाली पुत्रदा एकादशी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और पुत्र प्राप्ति की कामना की जाती है। इस पूजा के लिए कुछ विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है।
भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र
शंख
कलश
दीपक
धूप
अक्षत
फूल
पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और चीनी से बना)
रोली
चंदन
कुमकुम
नैवेद्य
गंगाजल
तुलसी का पत्ता
पुत्रदा एकादशी के दिन पूजा किस विधि से करें?
पुत्रदा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना शुभ माना जाता है। स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें।
एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा को विराजमान करें।
भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक करें।
भगवान को पीला वस्त्र अर्पित करें और माता लक्ष्मी को सोहळा श्रृंगार चढ़ाएं।
देसी घी का दीपक जलाएं।
धनिया की पंजीरी, पंचामृत, पीले फल और मिठाई का भोग लगाएं।
भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
अंत में आरती करें और प्रसाद ग्रहण करें।
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सावन पुत्रदा एकादशी के दिन किन बातों का रखें ध्यान?
पूजा के समय पूरी तरह से शुद्ध रहें। स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
अधिकांश लोग इस दिन पूर्ण रूप से निराहार रहते हैं। यदि आप निराहार व्रत नहीं रख सकते तो फलाहार कर सकते हैं।
इस दिन दान करना बहुत शुभ माना जाता है। आप अपने सामर्थ्य के अनुसार दान कर सकते हैं।
भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
इस दिन सत्य बोलें और किसी का अपमान न करें।
गुस्सा करने से बचें।
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सावन पुत्रदा एकादशी के दिन पूजा का महत्व क्या है?
सावन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह व्रत विशेष रूप से संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। यह व्रत मुख्य रूप से संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
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Image Credit- HerZindagi
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