क्या इस साल सावन में आप भी रख रही हैं मंगला गौरी व्रत? पूजा-पाठ से लेकर उपवास तक जानें सभी नियम

साल 2025 में सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत 22 जुलाई, मंगलवार से शुरू हो रहा है। आप में से ऐसी बहुत सी सुहागिन महिलाएं या कुंवारी कन्याएं होंगी जो पहली बार इस व्रत को रखेंगी ऐसे में आइये जानते हैं इस व्रत के नियमों के बारे में।
sawan mangala gauri vrat 2025

सावन मंगला गौरी व्रत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है खासकर सुहागिन महिलाओं के लिए। यह व्रत पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखा जाता है। कुंवारी लड़कियां भी मनचाहे वर की कामना के लिए यह व्रत रखती हैं। यह व्रत सावन मास के प्रत्येक मंगलवार को देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा करके किया जाता है जिससे वैवाहिक जीवन में प्रेम और शांति बनी रहती है और कुंडली में मंगल दोष का प्रभाव भी कम होता है। साल 2025 में सावन का दू मंगला गौरी व्रत 22 जुलाई, मंगलवार से शुरू हो रहा है। आप में से ऐसी बहुत सी सुहागिन महिलाएं या कुंवारी कन्याएं होंगी जो पहली बार इस व्रत को रखेंगी ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि मंगला गौरी व्रत के क्या नियम हैं जिनका पालन करण आवश्यक है।

सावन मंगला गौरी व्रत 2025 के नियम

अन्न का सेवन न करें: मंगला गौरी व्रत वाले दिन अन्न, नमक और जल का सेवन बिलकुल न करें, खासकर अगर आपने निर्जला व्रत रखा हो। अगर व्रत निर्जला नहीं है तो आप जल पी सकते हैं।

sawan mangala gauri vrat puja niyam 2025

तामसिक भोजन से बचें: लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा या किसी भी प्रकार के तामसिक भोजन का सेवन न करें। सात्विक भोजन ही करें यदि फलाहार ले रहे हैं। किसी का झूठा भी न खाएं फिर वो व्रत का ही क्यों न हो।

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गुस्सा और वाद-विवाद न करें: व्रत के दिन क्रोध करने, अपशब्द बोलने या किसी से भी झगड़ा करने से बचें। मन को शांत और सकारात्मक रखें। किसी के प्रति किया गया बुरा व्यवहार आपके व्रत को खंडित कर देगा।

नकारात्मक विचार न लाएं: किसी के प्रति बुरा सोचने या मन में नकारात्मक विचार लाने से बचें। शास्त्रों में बताया गया है कि मन में बुरा भाव रखते हुए किसी भी प्रकार का व्रत रखने से उसका उल्टा असर देखने को मिलता है।

दिन में न सोएं: मंगला गौरी व्रत वाले दिन दोपहर के समय में सोना शुभ नहीं माना जाता है। इससे शरीर तामसिक ऊर्जा से ग्रसित होता है जिससे पवित्रता और शुद्धता भंग होती है। रात में जागरण कर सकें तो अच्छा है।

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शारीरिक संबंध न बनाएं: किसी भी व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। ठीक ऐसे ही मंगला गौरी व्रत रख रही हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि भूल से भी किसी भी रूप में शरीरभाव न करें।

तुलसी के पत्ते न तोड़ें: मंगला गौरी व्रत के दिन तुलसी के पत्ते न तोड़ें। अगर जरूरत हो तो एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें। सिर्फ तुलसी ही नहीं, मंगला गौरी व्रत के दिन किसी भी पेड़-पौधे की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए।

काले या नीले वस्त्र न पहनें: पूजा करते समय काले या नीले रंग के वस्त्र पहनने से बचें। लाल, गुलाबी, पीला या अन्य शुभ रंग के वस्त्र पहनें। इससे सौभाग्य में वृद्धि होती है और वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है।

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पशु-पक्षियों को परेशान न करें: किसी भी जीव को कष्ट न पहुंचाएं। कोशिश करें कि मंगला गौरी व्रत के दिन अगर आप किसी गाय को भोजन करा सकें या गौ सेवा के लिए चारा एवं धन का दान कर सकें।

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image credit: herzindagi

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FAQ

  • मंगला गौरी व्रत के दिन क्या दान करें? 

    मंगला गौरी व्रत के दिन सोलह श्रृंगार का सामान दान करना शुभ माना जाता है। 
  • मंगला गौरी व्रत के दिन माता पार्वती को कौन से फूल चढ़ाएं? 

    मंगला गौरी व्रत के दिन माता पार्वती को लाल फूल, खासकर गुड़हल का फूल चढ़ाना शुभ माना जाता है।