आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का पावन पर्व विशेष साधना और तंत्र-मंत्र के लिए जाना जाता है और इसमें अष्टमी तिथि का महत्व अत्यधिक होता है। इस साल यह तिथि 3 जुलाई को पड़ रही है। 3 तारीख की रात को पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि की अष्टमी विशेष ऊर्जा और शक्ति से भरपूर हो सकती है। यह दिन 10 महाविद्याओं के गुप्त स्वरूपों की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है। साथ ही, बच्चों को नजर दोष और बुरी शक्तियों से बचाने के लिए भी अत्यंत शुभ माना जाता है। हर माता-पिता अपने बच्चे को हर तरह की नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षित रखना चाहते हैं। अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा बार-बार बीमार पड़ता है, चिड़चिड़ा रहता है, या उसे बुरी नजर लग जाती है, तो गुप्त नवरात्रि की अष्टमी की रात में कुछ विशेष उपाय कर सकती हैं। ये उपाय बच्चों के लिए एक नजरबट्टू की तरह असर कर सकते है और उन्हें नकारात्मक प्रभावों से बचाएंगे। तो आइए ज्योतिषाचार्य अरविंद त्रिपाठी से 3 जुलाई की रात को किए जाने वाले इन 3 विशेष काम के बारे में जान लेते हैं, जो आपके बच्चे को सुरक्षा कवच प्रदान कर सकते हैं।
गुप्त नवरात्रि की अष्टमी पर बच्चों की सुरक्षा के लिए करें ये 3 काम
गुप्त नवरात्रि की अष्टमी पर किए गए ये काम बच्चों को बुरी शक्तियों, नकारात्मक ऊर्जा और नजर दोष से बचाने में मदद करते हैं। इन्हें श्रद्धा और विश्वास के साथ करने पर आपको अच्छा परिणाम मिल सकता है।
हनुमान जी का रक्षा कवच बांधने के लिए करें ये काम
बच्चों को बुरी शक्तियों से बचाने के लिए हनुमान जी का आशीर्वाद अत्यंत प्रभावी माना जाता है। 3 जुलाई की रात को सोने से पहले, बच्चे को अपने पास बिठाकर या उनके कमरे में बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
यदि बच्चा बहुत छोटा है, तो आप उसके सिर पर हाथ रखकर या उसे गोद में लेकर पाठ कर सकती हैं। अगर आप बजरंग बाण का पाठ कर सकती हैं, तो यह और भी अधिक शक्तिशाली हो सकता है। पाठ के बाद हनुमान जी से बच्चे की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करें। हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है और उनकी कृपा से सभी भय और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं। यह उपाय बच्चों के आसपास एक सकारात्मक ऊर्जा का घेरा बनाता है, जिससे उन्हें बुरी नजर और बीमारियों से बचाया जा सकता है।
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कपूर और लौंग से करें ये काम
कपूर और लौंग में नकारात्मक ऊर्जा को सोखने और वातावरण को शुद्ध करने की शक्ति होती है। 3 जुलाई की रात को सोने से पहले, एक मिट्टी के छोटे दीपक या किसी धातु की कटोरी में एक कपूर का टुकड़ा और 2 बिना टूटी हुई लौंग लें। इसे जलाएं और हल्की आंच पर जलने दें। जब कपूर और लौंग जल रहे हों, तो इसे बच्चे के सिर के ऊपर से घड़ी की दिशा में 7 बार घुमाकर उसकी नजर उतारें। इस दौरान मन ही मन बच्चे की सुरक्षा की कामना करें। माना जाता है कि कपूर और लौंग का धुआं और ऊर्जा नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर को सोख लेती है। यह उपाय घर के वातावरण को शुद्ध करता है और बच्चे को किसी भी नकारात्मक प्रभाव से मुक्त करता है। ध्यान रहे, यह प्रक्रिया बच्चे से सुरक्षित दूरी पर और सावधानी से करें।
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हल्दी और दूध का तिलक या रक्षा सूत्र
हल्दी को शुभता और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है और यह नकारात्मकता को दूर करती है। 3 जुलाई की रात को या अगले दिन सुबह स्नान के बाद, एक चुटकी हल्दी पाउडर को थोड़े से दूध या गंगाजल में मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट से बच्चे के माथे पर या कान के पीछे एक छोटा सा तिलक लगाएं। यदि संभव हो, तो पूजा में इस्तेमाल हुआ एक लाल या पीले रंग के धागे में थोड़ी सी हल्दी लगाकर उसे बच्चे की कलाई या गले में रक्षा सूत्र के रूप में बांध दें। इसे बांधते समय 'ओम नमः शिवाय' या 'ओम दुं दुर्गायै नमः' मंत्र का जाप कर सकती हैं। हल्दी का तिलक बच्चे को बुरी नजर से बचाता है और उसे सकारात्मक ऊर्जा देता है। रक्षा सूत्र बच्चे के चारों ओर एक सुरक्षा कवच का काम करता है, जो उसे हर तरह की बुरी नजर से दूर रखता है।
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