इस साल कब पड़ रही है रंभा तीज? जानें शुभ मुहूर्त से लेकर पूजा विधि तक सब कुछ

रंभा तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत खास माना जाता है। इस व्रत को रखने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है, पति को लंबी आयु और सुख-समृद्धि मिलती है और कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर प्राप्त होता है।  
rambha teej 2025 shubh muhurat
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रंभा तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत खास माना जाता है। यह व्रत ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। इस दिन अप्सरा रंभा की पूजा की जाती है, जो सौंदर्य, सौभाग्य और युवावस्था का प्रतीक हैं। इस व्रत को रखने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है, पति को लंबी आयु और सुख-समृद्धि मिलती है और कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर प्राप्त होता है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि इस साल कब पड़ रही है रंभा तीज और क्या है इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और महत्व।

रंभा तीज 2025 कब है?

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ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया तिथि का आरंभ 28 मई, बुधवार के दिन रात 1 बजकर 54 मिनट पर होगा और इसका समापन 29 मई, गुरुवार के दिन रात 11 बजकर 18 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, रंभा तीज का व्रत 29 मई को रखा जाएगा।

रंभा तीज 2025 शुभ मुहूर्त

रंभा तीज यानी कि 29 मई को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:03 बजे से 4:44 बजे तक है जिसमें व्रती महिलाएं पवित्र नदी में स्नान और दान जैसे पुन्य कर्म कर सकती हैं। इसके अलावा, इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:51 मिनट से 12:46 मिनट तक रहेगा जिसमें रंभा तीज की पूजा करना श्रेष्ठ होगा।

रंभा तीज 2025 पूजा विधि

रंभा तीज के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें। अपने नित्य कर्मों से निवृत्त होकर गंगाजल मिले पानी से स्नान करें। लाल, गुलाबी या हरे रंग के साफ-सुथरे वस्त्र पहनें। सोलह श्रृंगार करना बहुत शुभ माना जाता है। पूजा स्थान पर बैठकर हाथ में जल लेकर अपने व्रत का संकल्प लें।

पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें। एक चौकी या पटरे पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं। भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। साथ ही, अप्सरा रंभा की मूर्ति या चित्र भी रखें। कई जगह अप्सरा रंभा का प्रतीक चूड़ियों के जोड़े को भी रखा जाता है।

गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं। भगवान शिव और माता पार्वती को फूल, फल, धूप, दीप, अक्षत (चावल), रोली, चंदन, भांग, धतूरा, दूध, दही और पंचामृत अर्पित करें। अप्सरा रंभा को सौंदर्य से जुड़ी चीजें जैसे सिंदूर, मेहंदी, चूड़ियां, बिंदी और अन्य सुहाग सामग्री अर्पित करें।

इसके बाद, पूजा के दौरान देवी रंभा को गेहूं, अनाज और लाल फूल भी चढ़ाएं। फिर 'ॐ रं रं रंभा रं रं देवी' मंत्र का 108 बार जाप रुद्राक्ष या स्फटिक की माला से करें। रंभा तीज व्रत की कथा पढ़ें या सुनें। पूजा के बाद देवी रंभा की आरती करें और प्रसाद वितरित करें।

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रंभा तीज 2025 महत्व

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रंभा तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य प्रदान करता है, जिससे उनके पति की आयु लंबी होती है और वैवाहिक जीवन में प्रेम और खुशहाली बनी रहती है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और परिवार में सभी स्वस्थ रहते हैं।

कुंवारी लड़कियां योग्य और मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए यह व्रत रखती हैं। चूंकि रंभा सौंदर्य की देवी हैं, इस व्रत को रखने से स्त्रियां शारीरिक और मानसिक रूप से सुंदर और युवा बनी रहती हैं। यह व्रत जीवन से नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा लाता है।

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image credit: herzindagi

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FAQ

  • रंभा तीज के व्रत के क्या लाभ हैं?

    रंभा तीज के व्रत को करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है, पति की लंबी आयु होती है और संतान सुख मिलता है। महिलाओं को सौंदर्य मिलता है।