बुधवार के दिन जरूर करें इस एक स्तोत्र का पाठ, जीवन में आ रही सभी संकटों से मिल सकता है छुटकारा

हिंदू धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन बप्पा की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को लाभ हो सकता है। अब ऐसे में इस दिन एक ऐसा स्तोत्र है, जिसका पाठ करने से व्यक्ति की सभी परेशानियां दूर हो सकती है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
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संकटनाशन स्तोत्र भगवान गणेश को समर्पित एक अत्यंत प्रभावशाली प्रार्थना है। 'संकटनाशन' का अर्थ ही है 'संकटों का नाश करने वाला'। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है, यानी वे सभी विघ्नों और बाधाओं को दूर करने वाले देवता हैं। इस स्तोत्र में भगवान गणेश के विभिन्न नामों और गुणों का वर्णन किया गया है और उनसे संकटों को हरने की प्रार्थना की गई है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद
त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं। आपको बता दें, ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन और श्रद्धा से इस स्तोत्र का पाठ करता है, उसे भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उसके जीवन से नकारात्मकता दूर होती है।

बुधवार के दिन करें संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ

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॥ श्री गणेशायनमः ॥
नारद उवाच -
प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम ।
भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये ॥1॥
प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम ।
तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम ॥2॥
लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च ।
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ॥3॥
नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम ।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम ॥4॥
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर: ।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो ॥5॥
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ॥6॥
जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत् ।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ॥7॥
अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत ।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत: ॥8॥
॥ इति श्रीनारदपुराणे संकष्टनाशनं गणेशस्तोत्रं सम्पूर्णम्‌ ॥

संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करने का महत्व

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यह स्तोत्र अपने नाम के अनुरूप ही सभी प्रकार के संकटों और बाधाओं को दूर करने में सहायक है। चाहे वे आर्थिक संकट हों, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हों, या पारिवारिक कलह, इस स्तोत्र के पाठ से राहत मिल सकती है। नियमित पाठ से मन को शांति मिलती है, तनाव कम होता है और एकाग्रता बढ़ती है। भगवान गणेश बुद्धि के देवता हैं। इस स्तोत्र के पाठ से ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होती है, जिससे सही निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है। किसी भी नए कार्य को शुरू करने से पहले इस स्तोत्र का पाठ करने से कार्य में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और सफलता मिलती है।

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Image Credit- HerZindagi

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