
हिन्दू धर्म में जन्म कुंडली या 'जन्म पत्रिका' को व्यक्ति के जीवन का एक आईना माना जाता है। इसे ज्योतिष शास्त्र के आधार पर व्यक्ति के जन्म के समय, तिथि और स्थान के ग्रहों की स्थिति को देखकर बनाया जाता है। हालांकि, आज भी कई लोग ऐसे हैं जिनकी जन्म कुंडली किसी कारणवश नहीं बन पाती है या तो उन्हें अपनी जन्मतिथि/समय का सही ज्ञान नहीं होता या वे ज्योतिष पर विश्वास नहीं करते। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या जन्म कुंडली के बिना जीवन पर कोई नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और क्या वास्तव में इसका होना इतना आवश्यक है। इस विषय को समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि जन्म कुंडली आपके जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे स्वास्थ्य, करियर और संबंधों पर प्रकाश डालती है। आइये जानते हैं इस बारे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।
जन्म कुंडली न होना किसी भी व्यक्ति के जीवन पर सीधे तौर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डालता। यह समझना आवश्यक है कि कुंडली केवल एक मार्गदर्शक मानचित्र है, न कि आपके जीवन की निर्धारक। जिन लोगों की कुंडली नहीं होती वे भी अन्य लोगों की तरह ही सामान्य जीवन जीते हैं, सफल होते हैं और चुनौतियों का सामना करते हैं। उनका जीवन उनके कर्मों, प्रयासों और निर्णयों पर निर्भर करता है न कि किसी कागज के न होने पर।

हां, ज्योतिषीय दृष्टिकोण से कुंडली न होने पर उन्हें कुछ अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ सकता है। वे अपने जीवन के महत्वपूर्ण मोड़ जैसे करियर में बदलाव, विवाह का समय या स्वास्थ्य संकट के लिए पहले से ज्योतिषीय मार्गदर्शन प्राप्त नहीं कर पाते। जब जीवन में कोई बड़ी समस्या आती है तो वे सटीक ज्योतिषीय उपाय नहीं कर पाते क्योंकि उपाय करने के लिए ग्रहों की सही स्थिति जानना आवश्यक होता है।
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कुंडली एक ऐसा चार्ट है जो आपके पिछले जन्म के कर्मों और इस जन्म में ग्रहों द्वारा आपको दिए गए शुभ-अशुभ फल को दर्शाता है। यह आपको बताता है कि किस क्षेत्र में आपको आसानी से सफलता मिलेगी (योग) और किस क्षेत्र में आपको संघर्ष करना पड़ सकता है (दोष)। कुंडली का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह आपको सही समय बताती है।
कौन सा समय विवाह के लिए शुभ है, कब नया व्यापार शुरू करना चाहिए (महादशा, अंतर्दशा) या स्वास्थ्य के प्रति कब अधिक सतर्क रहना है। यह आपको 'कब' करना है, इसका ज्ञान देकर समय का सदुपयोग करने में मदद करती है। यह आपको आपके स्वभाव, मूल क्षमताएं, कमजोरियां और छिपी हुई प्रतिभाओं को समझने में मदद करती है। इससे आप सही करियर चुन सकते हैं और अपने संबंधों को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।
जब कुंडली में किसी समस्या (जैसे शनि की साढ़ेसाती या मंगल दोष) का पता चलता है तो ज्योतिषी उसके लिए उपाय बताते हैं। इन उपायों को समय से पहले करके व्यक्ति आने वाली बाधाओं के प्रभाव को काफी हद तक कम कर सकता है। यह आपको निराशा से बचाता है और आपको तैयार रहने की प्रेरणा देता है। कुंडली जानने से लोगों को मानसिक शांति मिलती है।

यह जानकर कि उनकी परेशानियां किसी विशिष्ट ग्रह दशा के कारण हैं और यह दशा कुछ समय बाद समाप्त हो जाएगी, उन्हें धैर्य रखने और जीवन में आगे बढ़ने की शक्ति मिलती है। कुंडली मिलान विवाह से पहले होने वाले महत्वपूर्ण निर्णय में मदद करता है। यह न केवल विवाह की सफलता सुनिश्चित करता है, बल्कि दोनों व्यक्तियों के स्वभाव को समझकर सामंजस्य बनाने में भी सहायक होता है।
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