शास्त्रों में ऐसा बताया गया है कि एकादशी का व्रत रखने वाले व्रती को न सिर्फ पापों से छुटकारा मिल जाता है बल्कि भगवान विष्णु की असीम कृपा भी प्राप्त होती है। हर एकादशी व्रत का अपना एक अलग महत्व है और उस व्रत का पालन करने से भिन्न-भिन्न लाभ मिलते हैं। ठीक ऐसे ही, वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी का व्रत रखने का भी खासा महत्व माना गया है। मान्यता है कि मोहिनी एकादशी का व्रत रखने से सुन्दरता का वरदान मिलता है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की पूजा की जाती है जो श्री हरि नारायण के अन्य स्वरूपों में से सर्वाधिक सुंदर स्वरूप है।
ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि मोहिनी एकादशी का व्रत रखना अत्यधिक शुभ होता है। हालांकि एकादशी व्रत तभी पूर्ण माना जाता है जब व्रत के पालन के साथ-साथ उसका पारण भी किया जाए। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि क्या है मोहिनी एकादशी के व्रत के पारण का शुभ मुहूर्त, किस विधि से करना चाहिए व्रत का पारण और कौन-कौन से नियम हैं जिनका ध्यान रखते हुए ही व्रत खोलना उचित है।
मोहिनी एकादशी 2025 व्रत पारण मुहूर्त (Mohini Ekadashi Vrat Paran Muhurat 2025)
मोहिनी एकादशी 8 मई, दिन गुरुवार की है और एकादशी के वर्त का पारण द्वादशी के दिन किया जाता है। ऐसे में मोहिनी एकादशी के व्रत का पारण 9 मई, शुक्रवार के दिन होगा। इस दिन सुबह 5 बजकर 34 मिनट से सुबह 8 बजकर 16 मिनट तक का समय व्रत खोलने के लिए शुभ है।
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मोहिनी एकादशी 2025 व्रत पारण विधि (Mohini Ekadashi Vrat Paran Vidhi)
व्रत पारण से पहले भगवान विष्णु की संक्षिप्त पूजा करें। उन्हें फूल, तुलसी के पत्ते और नैवेद्य अर्पित करें। आप चाहें तो विष्णु सहस्रनाम का पाठ या विष्णु मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं। पूजा के बाद भगवान विष्णु से व्रत में हुई किसी भी भूल या त्रुटि के लिए क्षमा प्रार्थना करें।
अपनी श्रद्धा और भक्ति के लिए उन्हें धन्यवाद दें। यदि संभव हो तो किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं या उन्हें दान-दक्षिणा दें। ऐसा करना बहुत शुभ माना जाता है और इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। इसके बाद आप व्रत खोल सकते हैं। व्रत पारण के समय स्वातिक भोजन करें।
आप तुलसी के पत्ते के साथ जल पीकर व्रत खोल सकते हैं। इसके बाद आप फल, मिठाई या अन्य सात्विक भोजन ले सकते हैं जो आपने व्रत के दौरान नहीं खाया था। व्रत पारण के दिन तामसिक भोजन का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। हल्का और सुपाच्य भोजन ही ग्रहण करें।
मोहिनी एकादशी 2025 व्रत पारण नियम (Mohini Ekadashi Vrat Paran Niyam
पारण हमेशा द्वादशी तिथि में सूर्योदय के बाद ही करें। हरि वासर यानी कि एकादशी और द्वादशी का संधि काल में पारण नहीं करना चाहिए। व्रत का पारण फलाहार से ही करें या फिर कुट्टू के आटे से बनी चीजें भी खा सकते हैं। पारण के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को दान अवश्य करें।
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image credit: herzindagi
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