(Mauni Amavasya 2024 Tulsi Pujan) पंचांग के अनुसार सभी पूर्णिमा के साथ-साथ अमावस्या तिथि का भी विशेष महत्व है। वहीं माघ मास में आने वाली अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या या सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। कैलेंडर के हिसाब से माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या होती है। बता दें, प्रयागराज में लगने वाले माघ मेले में मौनी अमावस्या का स्नान बहुत शुभ माना जाता है।
इस दिन दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति हो सकती है। इस दिन पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध और जीवन में सुख-शांति आती है। वहीं नए साल में मौनी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का होने जा रहा है। इस दिन ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। इस दिन तुलसी पूजन का विशेष महत्व है।
आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से जानते हैं।
मौनी अमावस्या के दिन इस विधि से करें तुलसी पूजन (Tulsi Pujan Vidhi)
अमावस्या तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान-ध्यान करें।
उसके बाद तुलसी पूजन सामग्री एकत्रित करें। पश्चात माता तुलसी (मां तुलसी पूजा) को लाल चुनरी चढ़ाएं। इसे बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इससे व्यक्ति के जीवन में चल रही सभी परेशानियां दूर हो सकती है और शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। इसके साथ ही अमावस्या के दिन तुलसी में कच्चा दूध चढ़ाएं। फिर दीपक जलाएं। ऐसा करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी और सौभाग्य की भी प्राप्ति होगी।
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अमावस्या के दिन पीले रंग का धागा लें और उसमें 108 गांठ लगाएं। साथ ही धागे को तुलसी के पौधे में बांधकर तुलसी जी की परिक्रमा करें और विधिवत पूजा करें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी (मां लक्ष्मी मंत्र) की कृपा बनी रहेगी और इसके साथ ही इस दिन तुलसी माता को कलावा भी चढ़ाना चाहिए। इससे व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण हो जाती है और व्यक्ति को कई तरह के लाभ भी हो सकते हैं। इसलिए अगर आप अमावस्या के दिन तुलसी पूजन कर रहे हैं, तो ब्रह्म मुहूर्त में करें। इससे आपको शुभ परिणाम मिल सकते हैं।
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तुलसी पूजन के दौरान करें इन मंत्रों का जाप (Chant these Mantras During Tulsi Pujan)
वी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
तुलसी नामाष्टक मंत्र
वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
मां तुलसी का पूजन मंत्र
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
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