ज्योतिष शास्त्र में सभी तिथियों को बेहद खास और शुभ माना गया है। वहीं सूर्यदेव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने में कुल 30 दिन लगाते हैं। सूर्य के राशि परिवर्तन से तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। अभी वर्तमान में सूर्यदेव मिथुन राशि में विराजमान हैं। मिथुन राशि में सूर्यदेव के गोचर से कई राशि के जातकों को करियर और कारोबार में सफलता मिलने की संभावना है। ज्योतिष की मानें तो कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत रहने से जातक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही पदोन्नति होती है। बता दें, इस साल सूर्यदेव कर्क राशि में गोचर करने जा रहे हैं। जिसके कारण उसे कर्क संक्रांति के नाम से जाना जाता है। अब ऐसे में सूर्यदेव कर्क राशि में कब गोचर कर रहे हैं। इस दिन स्नान का शुभ मुहूर्त क्या है और महत्व क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
कब है कर्क संक्रांति?
ज्योतिष के हिसाब से सूर्यदेव 16 जुलाई को सुबह 11 बजकर 29 मिनट पर मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। कर्क राशि में गोचर के दौरान 19 जुलाई को पुष्य नक्षत्र, 2 अगस्त को अश्लेषा नक्षत्र और 16 अगस्त को मघा नक्षत्र में गोचर करेंगे। वहीं 16 अगस्त को सूर्यदेव कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे।
कर्क संक्रांति के दिन स्नान का मुहूर्त क्या है?
पंचांग के अनुसार कर्क संक्रांति तिथि पर पुण्य काल सुबह 05 बजकर 34 मिनट से लेकर 11 बजकर 29 मिनट पर इसका समापन होगा। वहीं महा पुण्य काल सुबह 09 बजकर 11 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 29 मिनट तक है। इस दौरान गंगा नदी में स्नान करने, पूजा-पाठ और दान-पुण्य कर सकते हैं। कर्क संक्रांति के दिन महापुण्य काल 02 घंटे 18 मिनट तक है।
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कर्क संक्रांति के दिन बन रहे हैं शुभ योग
कर्क संक्रांति के दिन साध्य, शुभ, रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन साध्य योग सुबह 07 बजकर 19 मिनट तक है। इसके बाद शुभ योग शुरू हो जाएगा। वहीं रवि योग दिन भर है। रवि योग में सूर्यदेव की पूजा करने से आरोग्य की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही मान-सम्मान में वृद्धि हो सकती है।
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कर्क संक्रांति का महत्व क्या है?
कर्क संक्रांति हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जो सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश करने का प्रतीक है। कर्क संक्रांति के दिन, लोग पवित्र नदियों, जैसे गंगा में स्नान करते हैं, यह माना जाता है कि ऐसा करने से पाप धुल जाते हैं और पुण्य प्राप्त होता है। कर्क संक्रांति के दिन, लोग भगवान सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इस दिन भगवान सूर्य की पूजा करने से ग्रहों की शांति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
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Image Credit- HerZindagi
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