November Kalashtami 2024 Date: नवंबर माह में कब है कालाष्टमी? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा का महत्व

हिंदू धर्म में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है। वहीं इस दिन कालाष्टमी का व्रत रखा जाता है और कालभैरव बाबा की पूजा-अर्चना की जाती है। अब ऐसे में इस साल कालाष्टमी का व्रत कब रखा जाएगा। इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। 
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सनातन धर्म में कालाष्टमी का व्रत बेहद शुभ फलदायी माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी जातक की कुंडली में ग्रहदोष है, तो कालाष्टमी के दिन व्रत रखने और कालभैरव बाबा की पूजा करने से उत्तम परिणाम मिल सकते हैं। पंचांग के हिसाब से हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मासिक कालाष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप की पूजा-अर्चना करने का विधान है। अब ऐसे में इस साल कालाष्टमी का व्रत कब रखा जाएगा,पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और कालाष्टमी व्रत का महत्व क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

नवंबर माह में कब है कालाष्टमी?

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वैदिक पंचांग के हिसाब, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 22 नवंबर को शाम 06 बजकर 07 मिनट से आरंभ हो रहा है और इस तिथि का समापन 23 नवंबर को शाम 07 बजकर 56 मिनट पर होगा।
कालाष्टमी के दिन निशाकाल में कालभैरव बाबा की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इसलिए उदया तिथि के हिसाब से 22 नवंबर को कालाष्टमी मनाई जाएगी।

कालाष्टमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मार्गशीर्ष माह की कालाष्टमी पर तीन शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। इस दौरान इन योगों में कालभैरव बाबा की पूजा जरूर करें।

  • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 02 मिनट से 05 बजकर 56 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 35 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 22 मिनट से 05 बजकर 49 मिनट तक
  • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक

कालाष्टमी के दिन पूजा का शुभ योग क्या है?

कालाष्टमी के दिन पूजा के लिए शुभ योग का विशेष ध्यान रखें। कालाष्टमी के दिन ब्रह्म योग, इंद्र योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है और शाम में शिवावास योग का भी निर्माण हो रहा है। इन योगों में पूजा-अर्चना करने से भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।

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कालाष्टमी के दिन कालभैरव बाबा की पूजा का महत्व क्या है?

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कालाष्टमी के दिन भगवान शिव के रौद्र रूप की पूजा का विधान है। इस दिन इनकी पूजा करने से व्यक्ति को सभी सुखों की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि कालभैरव बाबा की पूजा करने से सभी प्रकार के भय से छुटकारा मिल जाता है और काम में आ रही रुकावटें भी दूर हो जाती है।

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Image Credit- HerZindagi

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