सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष माना जाता है। वहीं, इस दौरान पड़ने वाले एकादशी, सोमवार, मंगलवार, शिवरात्रि, दुर्गाष्टमी एवं प्रदोष व्रत बहुत विशेष माने जाते हैं। खास तौर पर सावन में आने वाले प्रदोष व्रत का महत्व कई अधिक गुना बढ़ जाता है। मान्यता है कि सावन के प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की आराधना से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इसी कड़ी में आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि सावन का आखिरी प्रदोष कब पड़ रहा है और क्या है इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त एवं महत्व।
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