Jyeshtha Month 2024: ज्येष्ठ माह में भगवान विष्णु के त्रिविक्रम रूप की करें पूजा, सौभाग्य में होगी वृद्धि

ज्येष्ठ माह में भगवान विष्णु की विधिवत पूजा-पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में चल रही परेशानियां दूर हो सकती है। साथ ही सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। 

 
Jyeshtha month  lord vishnu trivikram roop Puja ()

(Jyeshtha Month 2024) हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास को बेहद शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्येष्ठ मास का आरंभ 24 मई से हो चुका है। इस माह में हनुमान जी की विधिवत पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही व्यक्ति के जीवन में चल रही परेशानियां दूर हो सकती है। इस माह में पड़ने वाले सभी व्रत और त्योहारों का महत्व भी बहुत खास माना जाता है। इस माह में दान-पुण्य करने से व्यक्ति के सौभाग्य में वृद्धि हो सकती है। ज्येष्ठ मास में निर्जला एकादशी और गंगा दशहरा का व्रत भी खास माना जाता है। ज्येष्ठ मास में भगवान विष्णु के त्रिविक्रम रूप की पूजा करने की मान्यता है। अब ऐसे में इस माह में किस विधि से भगवान विष्णु की पूजा कैसे करें। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

भगवान विष्णु के त्रिविक्रम रूप की पूजा सामग्री (Lord Vishnu Pujan Samagri)

ज्येष्ठ माह में भगवान विष्णु के त्रिविक्रम रूप की पूजा के लिए पूजन सामग्री के बारे में विस्तार से पढ़ें।

  • भगवान विष्णु की प्रतिमा
  • गंगाजल
  • पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और जल)
  • फल, फूल, और तुलसी
  • दीप
  • धूप
  • नैवेद्य
  • कलश

भगवान विष्णु की त्रिविक्रम रूप की पूजा कैसे करें? (trivikram roop puja vidhi)

trivikram puja

  • ज्येष्ठ मास में भगवान विष्णु की त्रिविक्रम रूप के पूजा करना बेहद शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है।
  • ज्येष्ठ मास में सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
  • उसके बाद पूजा की तैयारी करें। भगवान विष्णु की पूजा के लिए चौकी रखें। फिर उनकी प्रतिमा स्थापित करें।
  • एक कलश स्थापित कर उसमें गंगाजल, सुपारी, लौंग, एलायची, और पंचामृत भरें। कलश के ऊपर नारियल स्थापित करें।
  • अगर आपको भगवान विष्णु के त्रिविक्रम रूप के फोटो नहीं मिलती है, तो आप श्रीहरि की तस्वीर की पूजा कर सकते हैं।
  • भगवान विष्णु को गंगाजल, पंचामृत, और फूल अर्पित करें। दीप और धूप जलाएं। भगवान को भोग लगाएं।
  • पूजा के बाद भगवान विष्णु की आरती करें। उसके बाद सभी देवी-देवताओं को भी प्रणाम करें।

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भगवान विष्णु के त्रिविक्रम रूप की पूजा का महत्व (significance of lord vishnu trivikram roop puja)

ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति ज्येष्ठ मास में भगवान विष्णु के त्रिविक्रम रूप की विधिवत पूजा करता है। उसे सुख-समृद्धि, धन-धान्य और कीर्ति की प्राप्ति होती है।

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भगवान विष्णु के मंत्रों का करें जाप (Lord Vishnu Mantras)

ज्येष्ठ मास में भगवान विष्णु की पूजा करने के दौरान इन मंत्रों का जाप विधिवत रूप से करें।

  • ॐ नमो नारायणाय:
  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः:
  • ॐ श्री गुरुदेव नमः:
  • ॐ विष्णु विष्णु:
  • ॐ श्री लक्ष्मी नारायणाय नमः

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Image Credit- herzindagi and amazon

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