Jyeshtha Month 2024: आज से ज्येष्ठ माह हुआ शुरू, भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए करें ये काम

वैदिक पंचांग के अनुसार, आज से ज्येष्ठ माह का आरंभ हो चुका है और इसका समापन 22 जून को होगी। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। 

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(Jyeshtha Month 2024) हिंदू धर्म में सभी माह का विशेष महत्व होता है। वहीं आज से ज्येष्ठ माह की शुरुआत हो गई है। यह हिंदू पंचांग का तीसरा महीना है। ज्येष्ठ माह को सभी माह में सबसे खास माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इस माह में भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान हनुमान और सूर्यदेव की पूजा करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है और जीवन में चल रही परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है। अब ऐसे में ज्येष्ठ माह में भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए कई ऐसे उपाय हैं, जिसे करने से लाभ हो सकता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि श्रीहरि को प्रसन्न करने के लिए क्या कर सकते हैं।

ज्येष्ठ माह की तिथि क्या है?

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हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह तीसरा माह है। आज से इस माह का आरंभ हो चुका है और इसका समापन 22 जून को होगा। इस दौरान विधिवत रूप से विष्णु जी की पूजा करें। साथ ही हनुमान जी और शनिदेव की पूजा करने से भी लाभ हो सकता है।

ज्येष्ठ माह में भगवान विष्णु की पूजा कैसे करें?

ज्येष्ठ माह भगवान विष्णु की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस महीने में उनकी पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त मं उठकर स्नान करें और पूजा स्थान को साफ करें। पश्चात भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें। इस दिन व्रत रखना बेहद शुभ माना जाता है। भगवान विष्णु को जल, पुष्प, फल, मिठाई, पान, सुपारी आदि अर्पित करें। विष्णु भगवान के मंत्रों का जाप करें। विष्णु संहिता स्तोत्र का पाठ करें। इस दिन दान-पुण्य करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। इस माह में भगवान विष्णु के साथ-साथ हनुमान जी और सूर्यदेव की भी विधिवत पूजा करने से लाभ हो सकता है।

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भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए उपाय

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भगवान विष्णु, सृष्टि के रक्षक और पालक देवता हैं। इसलिए इनकी कृपा पाने के लिए भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करें। इस माह में गर्मी होती है। इसलिए श्रीहरि का श्रृंगार चंदन से करें। इससे व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है।

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ज्येष्ठ माह का महत्व क्या है?

वैदिक शास्त्र के अनुसार, ज्येष्ठ माह में पवनपुत्र हनुमान जी की मुलाकात भगवान श्रीराम से हुई थी। ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले सभी मंगलवार का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग ज्येष्ठ माह के मंगलवार के दिन व्रत रखते हैं और पूजा-पाठ करते हैं। उन्हें सभी कष्टों से छुटकारा मिल सकता है। इस माह में जल दान करना शुभ माना जाता है।

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Image Credit- HerZindagi

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