Aaj ka choghadiya 17 August 2025: गंधर्व नवमी पर नई दुकान खरीदने के बन रहे हैं कई शुभ मुहूर्त, देखें आज दिन और रात का चौघड़िया मुहूर्त

अगर अपने व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए नई दुकान खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, तो ऐसे में जरूरी है कि आप सही शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें। इसके लिए आप पंडित जी द्वारा बताए गए चौघड़िया मुहूर्त पर नजर डाल सकते हैं।
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जब भी हम कोई दुकान या जमीन खरीदते हैं, तो इसके लिए सही दिन देखते हैं। लेकिन दिन के साथ-साथ चौघड़िया मुहूर्त का ध्यान रखना जरूरी होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे आपकी खरीदी हुई दुकान आपके लिए फलदायी हो सकती है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स जी ने इन्हीं चौघड़िया मुहूर्त के बारे में बताया। इसका ध्यान रखकर आप अपने लिए दुकान को खरीदें।

दिन का चौघड़िया सूर्योदय से सूर्यास्त तक

  • उदवेग (Udveg): सुबह 05:51 बजे से सुबह 07:27 बजे तक रहने वाला है। इस चौघड़िया को आमतौर पर अशुभ माना जाता है। किसी भी महत्वपूर्ण या शुभ कार्य की शुरुआत इस समय में नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इसमें तनाव, चिंता और बाधाएं आने की संभावना होती है।
  • चर (Chara): सुबह 07:27 बजे से सुबह 09:03 बजे तक है। यह यात्रा, वाहन खरीदना, या ऐसे कार्य जिनमें गतिशीलता की आवश्यकता हो, उनके लिए यह चौघड़िया शुभ होता है। इसमें किए गए कार्य जल्दी फल देते हैं, लेकिन उनमें थोड़ी अस्थिरता भी आ सकती है। फिर भी, शुभ कार्यों के लिए इसे अच्छा माना जाता है।
  • लाभ (Labha): सुबह 09:03 बजे से सुबह 10:39 बजे तक रहने वाला है।यह चौघड़िया शिक्षा, व्यापार, लेन-देन, नई शुरुआत और किसी भी कार्य में लाभ प्राप्त करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस समय में किए गए कार्य सफलता और समृद्धि लाते हैं, क्योंकि इसमें बुद्धि और व्यापारिक कौशल का प्रभाव होता है।
  • अमृत (Amrita): सुबह 10:39 बजे से दोपहर 12:15 बजे तक रहेगा। यह सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ चौघड़िया माना जाता है। विवाह, गृह प्रवेश, नई दुकान खोलना, या कोई भी नया कार्य शुरू करने के लिए यह अत्यंत शुभ होता है। इस समय में किए गए कार्य हमेशा सफलता, स्थिरता और शुभता देते हैं।
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  • काल (Kala): दोपहर 12:15 बजे से दोपहर 01:51 बजे तक रहने वाला है। इस चौघड़िया में कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, नई खरीदारी आदि नहीं करना चाहिए। इसे अशुभ माना जाता है क्योंकि इसमें विलंब, बाधाएं या हानि होने की संभावना होती है। हालांकि, धन संबंधी कार्यों या किसी विवाद को सुलझाने के लिए यह उपयुक्त हो सकता है।
  • शुभ (Shubh): दोपहर 01:51 बजे से दोपहर 03:27 बजे तक है। यह सभी शुभ कार्यों जैसे विवाह समारोह, भूमि पूजन, शिक्षा संबंधी कार्य, धार्मिक अनुष्ठान आदि के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इस समय किए गए कार्य सफल होते हैं और शुभ परिणाम देते हैं, क्योंकि बृहस्पति ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य का ग्रह है।
  • रोग (Roga): दोपहर 03:27 बजे से शाम 05:03 बजे तक है। इस चौघड़िया में किसी भी शुभ कार्य से बचना चाहिए। यह रोग, संघर्ष और समस्याओं से जुड़ा हुआ है। हालांकि, शत्रु पर आपको विजय मिल सकती हैं।
  • उदवेग (Udveg): शाम 05:03 बजे से शाम 06:57 बजे तक रहेगा। इस चौघड़िया को आमतौर पर अशुभ माना जाता है। किसी भी महत्वपूर्ण या शुभ कार्य की शुरुआत इस समय में नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इसमें तनाव, चिंता और बाधाएं आने की संभावना होती है।

रात का चौघड़िया सूर्यास्त से अगले दिन के सूर्योदय तक

  • शुभ (Shubh): शाम 06:57 बजे से रात 08:31 बजे तक है। यह धार्मिक कार्यों, शिक्षा से संबंधित गतिविधियों, या पारिवारिक सुख-शांति से जुड़े कार्यों के लिए उत्तम है। इस समय किए गए कार्य में शुभता बनी रहती है।
  • अमृत (Amrita): रात 08:31 बजे से रात 10:06 बजे तक रहने वाला है। रात में भी यह चौघड़िया अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। विशेषकर ध्यान, पूजा-पाठ, या किसी महत्वपूर्ण योजना बनाने के लिए यह समय अच्छा है।
  • चर (Chara): रात 10:06 बजे से रात 11:41 बजे तक रहने वाला है। यात्रा संबंधी योजनाएं बनाने या मनोरंजन से जुड़े कार्यों के लिए यह चौघड़िया उपयुक्त है। यह सामान्य शुभता प्रदान करता है, इसलिए बहुत स्थिर प्रकृति के कार्यों के लिए यह उतना अच्छा नहीं माना जाता।
  • रोग (Roga): रात 11:41 बजे से अगले दिन 01:16 बजे तक रहेगा। किसी भी नए या महत्वपूर्ण कार्य को इस समय में शुरू करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह संघर्ष, विवाद या स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
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  • काल (Kala): अगले दिन 01:16 बजे से अगले दिन 02:51 बजे तक रहेगा। रात में भी यह चौघड़िया अशुभ होता है और इसे काल रात्रि का हिस्सा माना जा सकता है। इस समय में किसी भी शुभ कार्य से बचना चाहिए, क्योंकि यह बाधाएं, देरी और नकारात्मकता ला सकता है।
  • लाभ (Labha): अगले दिन 02:51 बजे से अगले दिन 04:26 बजे तक है। यह उन कार्यों के लिए अच्छा है जिनमें चिंतन, अध्ययन या भविष्य की योजनाएं शामिल हों। इस समय में किए गए कार्य से वित्तीय या बौद्धिक लाभ मिल सकता है।
  • उदवेग (Udveg): अगले दिन 04:26 बजे से अगले दिन 05:51 बजे तक है। यह सूर्य ग्रह से प्रभावित होता है। रात का अंतिम चौघड़िया और अगले दिन के सूर्योदय से ठीक पहले का समय उदवेग होता है। इसमें किसी भी नए शुभ कार्य की शुरुआत से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें चिंता या बेचैनी का प्रभाव होता है।

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Image Credit- Freepik

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