क्या शनिदेव को भी लगती है अर्जी? जानें सही तरीका और लाभ

शनिदेव की पूजा कई अलग-अलग तरीकों से की जा सकती है लेकिन इनमें से सबसे सरल और अचूक रास्ता है शनिदेव की अर्जी लगाना। ऐसे में आइये जानते हैं कि शनिदेव को अर्जी कब और कैसे लगाएं एवं क्या है इसका लाभ।
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हिन्दू धर्म में शनिदेव को दंडनायक और कर्मफल दाता कहा जाता है। शनिदेव की पूजा से व्यक्ति को जहां एक ओर इस बात का ज्ञान मिलता है कि उसे कैसे कर्म अपनाने चाहिए तो वहीं, साढ़े साती और ढैय्या से राहत का भी मार्ग खुलता है। शनिदेव की पूजा कर उन्हें प्रसन्न करने से जीवन में सुख-समृद्धि और आध्यात्म का वास स्थापित होता है। शनिदेव की पूजा कई अलग-अलग तरीकों से की जा सकती है लेकिन इनमें से सबसे सरल और अचूक रास्ता है शनिदेव की अर्जी लगाना। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि शनिदेव की भी अर्जी लगती है और अगर किसी व्यक्ति को उनकी साक्षात कृपा पानी हो तो अर्जी लगाने से ज्यादा असरदार और कोई उपाय नहीं है। ऐसे में आइये जानते हैं कि शनिदेव को अर्जी कब और कैसे लगाएं एवं क्या है इसका लाभ।

शनिदेव को अर्जी कब लगाएं?

शनिदेव को अर्जी लगाने का सबसे अच्छा दिन शनिवार होता है क्योंकि यह दिन उन्हें समर्पित है। वैसे तो आप सुबह या शाम कभी भी अर्जी लगा सकते हैं लेकिन शास्त्रों के अनुसार सूर्यास्त के बाद शनिदेव की पूजा और अर्जी लगाना ज्यादा फलदायी माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि सूर्यास्त के समय शनि का प्रभाव अधिक होता है।

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अर्जी लगाने का मतलब है कि आप सच्चे मन से अपनी प्रार्थना और समस्याएं उनके सामने रखते हैं, अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगते हैं और अच्छे कर्म करने का संकल्प लेते हैं। शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या या पूर्णिमा पर अर्जी लगाना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

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शनिदेव को अर्जी कैसे लगाएं?

शनिदेव को अर्जी लगाने का मतलब है कि आप उनसे सच्चे मन से प्रार्थना कर रहे हैं और अपनी समस्याओं या इच्छाओं को उनके सामने रख रहे हैं। इसके लिए सबसे पहले शनिवार के दिन सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें। फिर, शनि मंदिर जाकर या घर पर ही शनिदेव की प्रतिमा या चित्र के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं जिसमें थोड़े काले तिल डाल दें। अगर शनिदेव की प्रतिमा नहीं है तो पूरे मन से उनका ध्यान करें और उनके नाम का दीपक पश्चिम दिशा में जलाएं या फिर घर के मंदिर में भी जला सकते हैं। ध्यान रहे कि अगर अर्जी लगाते समय भाव सच्चा नहीं हुआ तो अर्जी स्वीकार्य नहीं होगी।

दीपक जलाने के बाद 'ॐ शं शनैश्चराय नमः' मंत्र का जाप करें या शनि चालीसा या शनि स्तोत्र का पाठ करें। अर्जी लगाते समय शनिदेव की आंखों में सीधे न देखें, बल्कि उनके चरणों की ओर ध्यान केंद्रित करें। इसके बाद, हाथ जोड़कर अपनी समस्या बताएं और उससे मुक्ति पाने या अपनी मनोकामना पूरी होने की प्रार्थना करें। अगर आप बोलकर नहीं बता पा रहे हैं तो एक पर्ची पर लिखकर घर के मंदिर में उसे रख दें। अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगें और भविष्य में अच्छे कर्म करने का संकल्प लें। जब अर्जी की सुनवाई हो जाए और इच्छा पूरी हो जाए, तब जरूरतमंदों में दान अवश्य करें।

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शनिदेव को अर्जी लगाने के लाभ

शनिदेव को अर्जी लगाने से कई ज्योतिषीय लाभ मिलते हैं। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से साढ़ेसाती और ढैय्या के नकारात्मक प्रभावों में कमी आती है। वे व्यक्ति को सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं जिससे जीवन में धैर्य, कर्मठता और ईमानदारी आती है। अर्जी लगाने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है, करियर में तरक्की मिलती है और कानूनी मामलों में सफलता मिलने की संभावना बढ़ती है। इसके अलावा, शनिदेव की कृपा से सुख-शांति बनी रहती है और व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। सच्ची श्रद्धा और अच्छे कर्मों के साथ अर्जी लगाने से शनिदेव जीवन में शुभ फल प्रदान करते हैं।

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image credit: herzindagi

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FAQ

  • शनिदेव का प्रिय पुष्प कौन सा है? 

    शनिदेव को अपाराजिता का फूल बहुत प्रिय है।