हिंदू धर्म में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के रूप में पूजा जाता है। माना जाता है कि किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणेश जी की पूजा से होती है क्योंकि वे सभी बाधाओं को दूर करने वाले हैं। भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र गणेश जी को बुद्धि, विद्या और समृद्धि के देवता भी माना जाता है। प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश जी को समर्पित किया जाता है। इनमें से विनायक चतुर्थी विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन भक्त गणेश जी की पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से की गई पूजा और उपवास से गणेश जी प्रसन्न होते हैं और भक्तों को सुख, समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद देते हैं। अब ऐसे में फरवरी माह मे विनायक चतुर्थी का व्रत कब रखा जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और महत्व क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
विनायक चतुर्थी का व्रत कब रखा जाएगा?
वैदिक पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में माघ मास का शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 1 फरवरी, 2025 को प्रारंभ हो रही है। यह शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 38 मिनट पर शुरू होगा और अगले दिन यानी 2 फरवरी, 2025 को सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगा। हिंदू धर्म में, उदयातिथि के अनुसार व्रत का विशेष महत्व होता है। उदयातिथि का अर्थ है कि जिस दिन सूर्योदय होता है, उसी तिथि को व्रत रखा जाता है। इसीलिए, माघ मास की चतुर्थी तिथि 1 फरवरी को सूर्योदय के बाद आती है, अतः विनायक चतुर्थी का व्रत इस वर्ष 1 फरवरी, 2025, दिन शनिवार को रखा जाएगा।
विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा का मुहूर्त क्या है?
विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान जरूर रखें।
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 5 बजकर 24 मिनट से 6 बजकर 17 मिनट तक का समय।
विजय मुहूर्त - दोपहर 2 बजकर 23 मिनट से 3 बजकर 7 मिनट तक का समय।
गोधूलि मुहूर्त - शाम 5 बजकर 58 मिनट से 6 बजकर 24 मिनट तक का समय।
निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 8 मिनट से 1 बजकर 1 मिनट तक का समय।
चन्द्रोदय- सुबह 09 बजकर 02 मिनट तक है।
चंद्रास्त- रात 09 बजकर 07 मिनट तक है।
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विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा का महत्व
विनायक चतुर्थी का दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह दिन विशेष रूप से भगवान गणेश के पूजन का दिन होता है, और इसे गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। भगवान गणेश को 'विघ्नहर्ता' के रूप में पूजा जाता है, अर्थात वे जीवन के सभी विघ्नों और बाधाओं को दूर करने वाले हैं। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं और सफलता प्राप्त होती है। गणेश जी को धन, समृद्धि, और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। उनकी पूजा से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।
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Image Credit- HerZindagi
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