गुप्त नवरात्रि के सातवें दिन करें मां धूमावती चालीसा का पाठ, जीवन में मिलेगी सुख और समृद्धि

गुप्त नवरात्रि के इस पावन अवसर पर मां धूमावती समेत अन्य दस महाविद्या के देवियों का पूजा एवं पाठ का विशेष लाभ है। इस दौरान गुप्त नवरात्रि के सातवें दिन मां धूमावती के चालीसा का पाठ जरूर करें।

 
How to recite Dhumavati Chalisa,
How to recite Dhumavati Chalisa,

गुप्त नवरात्रि के सातवें दिन मां धूमावती की पूजा की जाती है। आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के इस पावन और शुभ अवसर पर मां धूमावती के पूजा के बाद धूमावती चालीसा का पाठ जरूर करें। हमारे एस्ट्रो एक्सपर्ट शिवम पाठक ने आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में धूमावती मां की चालीसा का पाठ करने के कई फायदे बताया है। इस लेख में बमने धूमावती चालीसा और इसके फायदे के बारे में नीचे बताया है, चलिए जानते हैं इसके बारे में।

धूमावती चालीसा

Dhumavati Chalisa lyrics

दोहा:

धूमावती महिमा गाएं, मन सच्चा आस्था लाएं।

जो ध्यावत धूमावती मैया, उसकी हर मनोकामना पूरी हुई॥

चालीसा:

जय धूमावती मां, जय जय भवानी।

सकल सृष्टि सदा तव महिमा बखानी॥

तन पर काले वस्त्र विराजे,

बिन पति तव भस्म साजे॥

भूत-प्रेत डर कर भागें,

जो ध्यावै तव नाम, संकट त्यागें॥

अंधकार की सखी महान,

जो कोई तव शरण आन॥

शत्रु भय से निज ध्यान,

मुक्ति धाम को पाए आन॥

तेज तव अति प्रकाश मय,

जो पूजै हर कामन सिध्द॥

माता धूमावती का वास,

जो जन पूजै सब दु:ख नाश॥

चौदह भुवन पूजै तव चरण,

जो ध्यावै तव मंत्र सवर्ण॥

अग्नि सम तेज तव रूप,

जो कोई देखै होय अनूप॥

नारी वेश धूमावती प्यारी,

सुनि स्तुति तव हरती दुख भारी॥

सुमिरत तव नाम ह्वै दुख हारी,

सकल जगत मां तव महिमा न्यारी॥

पापी तव नाम ले घबराय,

सकल दुःख मां तव नाम समाय॥

कृपा करहु मां मुझ पर अज्ञानी,

धूमावती मां महिमा बखानी॥

जो कोई ध्यान करै तव ध्यान,

सकल संकट हरे जग जान॥

मातृ रूप धूमावती का ध्यावै,

अभय दान तव पूरण पावै॥

चालीसा तव जो गावत नित,

सकल सिद्धि होत तव हित॥

सुमिरन करै तव जन जो कोई,

सकल कामना पूर्ण सो होई॥

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दोहा:

धूमावती चालीसा जो पढ़ै, भक्ति तव पावै।

कृपा करहु तव दास पर, संकट सब टालावै॥

धूमावती चालीसा के फायदे

Dhumavati Chalisa benefits

  • कठिन समय में सहायता: धूमावती चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को कठिन समय में शक्ति और साहस प्राप्त होता है।
  • शत्रुओं से रक्षा: यह चालीसा शत्रुओं और विपरीत परिस्थितियों से बचाने में सहायक होती है।
  • भूत-प्रेत से रक्षा: धूमावती माता का पूजन और चालीसा का पाठ भूत-प्रेत और अन्य नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा करता है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: नियमित रूप से चालीसा का पाठ करने से आध्यात्मिक उन्नति होती है और आत्मा को शांति मिलती है।
  • मनोकामनाओं की पूर्ति: जो भी व्यक्ति सच्चे मन से धूमावती चालीसा का पाठ करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

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Image Credit: Herindagi

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