हमारे देश में पूजा-पाठ के कई नियम और परंपराएं हैं, जिनका पालन लोग सदियों से करते चले आ रहे हैं। ऐसे ही मंदिर में या घर के पूजा स्थल पर भगवान को फूलों की माला चढ़ाना भक्ति और सम्मान का एक प्रतीक माना जाता है। कई लोग रोजाना ताजे फूल अर्पित करते हैं और भगवान का साज श्रृंगार नियमित रूप से करते हैं। यही नहीं भगवान को फूलों की माला भी चढ़ाई जजाती है। अक्सर मन में यह सवाल उठता है कि जो फूलों की माला भगवान को चढ़ाई जाती है, क्या उसे रात में हटा लेना चाहिए या अगले दिन तक वही माला भगवान के गले में रह सकती है? यह प्रश्न सिर्फ धार्मिक मान्यताओं से ही नहीं, बल्कि साफ-सफाई और पूजा-पाठ की शुद्धता से भी जुड़ा है। शास्त्रों में फूलों और पूजन सामग्री को लेकर कई नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है। आइए पंडित सौरभ त्रिपाठी से जानें कि क्या भगवान को अर्पित की गई फूलों की माला रात में हटा लेनी चाहिए?
देवताओं को प्रिय है ताजगी मुरझाया हुआ फूल हटाना जरूरी है
शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान को गंध, रंग और ताजगी युक्त पुष्प और माला अत्यंत प्रिय होते हैं। इसी वजह से जैसे ही भगवान को चढ़े हुए फूल मुरझाते हैं, वे अपवित्र माने जाते हैं। उन्हें भगवान पर अधिक देर तक चढ़ाए रखना उचित नहीं माना जाता है। इसी वजह से सलाह दी जाती है कि मुरझाई हुई फूल या माला को तुरंत ही भगवान के पास से हटा देना चाहिए। यही नहीं आपको कभी भी मुरझाए या सूख चुके फूल देवताओं को नहीं चढ़ाने चाहिए।
रात में माला भगवान के पास से क्यों हटानी चाहिए
शास्त्रों के अनुसार, रात्रि का समय देवताओं के विश्राम का समय होता है। जिस तरह से मनुष्य रात में आराम करता है, वैसे ही देवताओं का भी नियम और अनुशासन होता है जिसका पालन करना जरूरी माना जाता है। रात्रि में भगवान के ऊपर माला, पुष्प, आभूषण या वस्त्रों का अधिक भार उनके लिए कष्टकारी हो सकता है, इस वजह से रात के समय चढ़ी हुई माला भी निकाल देनी चाहिए।
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यदि रात में माला हटाना भूल जाएं तो क्या करें?
यदि किसी वजह से आप रात के समय भगवान पर चढ़ी हुई माला को हटाना भूल जाती हैं तो सुबह सूर्योदय से पहले स्नान आदि से मुक्त होकर सबसे पहले आदर के साथ फूल और माला हटा लें। मुरझाए हुए पुष्पों को तुलसी के पास या गमले में दबा देना चाहिए या इन्हें आप किसी पवित्र नदी में प्रवाहित करें।
शास्त्रों के नियम निश्चित ही मार्गदर्शन देते हैं, लेकिन भगवान भाव के भूखे होते हैं। यदि आप भूलवश कोई नियम तोड़ भी दें, तो आपको परेशान होने के बजाय ईश्वर से क्षमा प्रार्थना कर लेनी चाहिए।
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