हिंदू पंचांग के अनुसार देवशयनी एकादशी हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। इससे व्यक्ति को उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही जीवन में चल रही सभी परेशानियों से भी छुटकारा मिल सकता है।
देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार माह के लिए शयन के लिए चले जाते हैं। जिसके कारण इस माह में भगवान शिव सृष्टि का संचालन करते हैं। इसलिए इस माह में भगवान शिव की विधिवत पूजा करने का भी विधान है। बता दें, इस साल देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को है। इस दिन व्रत रखने का बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। अब ऐसे में देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा किस विधि से करने से लाभ हो सकता है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए सामग्री
- गंगाजल
- फूल
- धूप
- दीप
- कपूर
- रोली
- चंदन
- नैवेद्य (फल, मिठाई, दही, आदि)
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर का मिश्रण)
- तुलसी के पत्ते
- स्वच्छ वस्त्र
- शंख
- घंटी
- पूजा की थाली
- बत्ती
- आसन
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देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा किस विधि से करें?
- एकादशी तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थान को साफ करके गंगाजल से शुद्ध करें।
- भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- दीप, कपूर, और धूप जलाकर भगवान विष्णु का आह्वान करें।
- भगवान विष्णु को फल, मिठाई, पंचामृत, और तुलसी के पत्तों से भोग लगाएं।
- भगवान विष्णु की आरती गाएं और मंत्रों का जाप करें।
- विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
- दिन का समय भक्ति और धार्मिक कार्यों में बिताएं।
- रात में भोजन ग्रहण न करें।
- अगले दिन, द्वादशी तिथि को सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें।
एकादशी तिथि के दिन इस बात का रखें ध्यान
- एकादशी के दिन चावल, दाल, नमक, और मसाले का सेवन वर्जित है।
- व्रत के दौरान फलाहार ग्रहण करें।
- दिन का समय भगवान विष्णु की भक्ति और धार्मिक ग्रंथों के पाठ में बिताना चाहिए।
- दान-पुण्य करना भी इस दिन का विशेष महत्व है।
- एकादशी तिथि के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ विशेष रूप से करें। इसका पाठ करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
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देवशयनी एकादशी के दिन किन मंत्रों का जाप करें?
देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने के दौरान इन मंत्रों का जाप विशेष रूप से करने से लाभ हो सकता है।
- ॐ नमो नारायणाय
- ॐ विष्णु विष्णु
- लक्ष्मी नारायण नमोस्तुभ्यं
- ॐ श्री गुरुदेवाय नमः
- ॐ विष्णु प्रिये नमो नमः
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
- ॐ श्री कृष्णाय नमः
- ॐ जय जगदीश हरे
- ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः
- ॐ श्रीं लक्ष्मी नारायणाय नमः
- ॐ क्लीं महालक्ष्म्यै नमः
- ॐ श्रीं लक्ष्मी वासुदेव नमः
- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टि-वर्धन्मुरुजानु
- घृतस्वाहा नमः
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Image Credit- HerZindagi
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