शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इसे चढ़ाने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। यह माना जाता है कि बेलपत्र के तीनों पत्ते ब्रह्मा, विष्णु और महेश के प्रतीक हैं और इसे अर्पित करने से त्रिदेवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही, यह भी मान्यता है कि बेलपत्र चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि आती है, कष्ट दूर होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं, इसी कड़ी में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि कई भक्त शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के बाद उसे प्रसाद के रूप में खाते भी हैं। ऐसे में आइये जानते हैं कि क्या शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ बेलपत्र खा सकते हैं।
शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाने से क्या होता है?
ज्योतिष और धर्म शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग पर चढ़ाए गए बेलपत्र को खाने के संबंध में अलग-अलग मत और मान्यताएं प्रचलित हैं। कई धर्म शास्त्रों और मान्यताओं के अनुसार, शिवलिंग पर चढ़ाया गया कोई भी प्रसाद, विशेष रूप से बेलपत्र, ग्रहण नहीं करना चाहिए।
इसका मुख्य कारण यह बताया जाता है कि शिवलिंग पर अर्पित की गई वस्तुएं 'चंडेश्वर महाराज' यानी कि जो भगवान शिव के एक गण हैं, उन्हें समर्पित होती हैं। ऐसा प्रसाद खाने से व्यक्ति को नकारात्मकता, दुख, दरिद्रता और अशांति मिल सकती है।
यह भी पढ़ें:भगवान शिव के प्रिय बेलपत्र में कैसे हुआ मां लक्ष्मी का वास?
कुछ मान्यताओं में तो शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ बेलपत्र खाना प्रेत योनि प्राप्त होने का कारण भी बताया गया है। इस मत के अनुसार, शिवलिंग पर चढ़ाया गया प्रसाद सिर्फ भगवान शिव को ही समर्पित होता है और उसे वहीं छोड़ देना चाहिए या पवित्र नदी में विसर्जित करना चाहिए।
कुछ परंपराओं में, अगर नए बेलपत्र उपलब्ध न हों तो शिवलिंग पर चढ़ाए गए बेलपत्र को धोकर दोबारा चढ़ाया जा सकता है। यह दर्शाता है कि बेलपत्र की पवित्रता बनी रहती है भले ही वह शिवलिंग पर अर्पित हो चुका हो। ऐसे में इस तथ्य के अनुसार शिवलिंग पर चढ़ा बेलपत्र खाना सही है।
यह भी पढ़ें:सावन के दौरान बेलपत्र के पौधे में दूध चढ़ाने से क्या होता है?
ज्योतिष और धर्म शास्त्रों में शिवलिंग पर चढ़ाए गए बेलपत्र को खाने की अनुमति सामान्य तौर पर नहीं दी जाती है। अधिकतर मान्यताएं यही कहती हैं कि शिवलिंग पर अर्पित की गई वस्तुएं भगवान शिव के लिए होती हैं और उन्हें ग्रहण नहीं करना चाहिए।
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: herzindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों