हिंदू धर्म में हर भगवान को अलग मान्यता दी गई है। मां बगलामुखी की पूजा भी अहम मानी जाती है। इनकी गुप्त नवरात्रि के अलावा बगलामुखी जयंती के दिन भी पूजा की जाती है। बगलामुखी माता तंत्र-मंत्र की देवी मानी जाती है। ऐसे में हर किसी को इनकी पूजा की विधि-नियम नहीं पता होते हैं। साथ ही, इनकी पूजा का तरीका भी थोड़ा अलग होता है। ऐसे में अगर आप बगलामुखी की जयंती पर इनकी पूजा करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको आर्टिकल में इनकी पूजा, मंत्र, विधि, और समय के बारे में बताएंगे, ताकि आप सही समय पर इनकी पूजा कर पाएं।
बगलामुखी जयंती क्यों मनाई जाती है
मां बागलमुखी तंत्र मंत्र के चक्र को जागृत करने में सहायता करती हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि जिस दिन इनकी जयंती होती है उस दिन माता प्रकट हुई थी। इसलिए इनकी जयंती के दिन को बगलामुखी प्रकटोत्सव भी कहते हैं। हर साल इनकी जयंती को मनाया जाता है। इनकी पूजा अलग-अलग राज्यों में की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां बगलामुखी की पूजा महाविद्या के लिए की जाती है। इसी कारण से देश के कई राज्यों में इन्हें बुद्धि की देवी कहा जाता है।
कब है बगलामुखी जयंती
हिंदी पंचांग के अनुसार इस बार बगलामुखी माता की जंयती 5 मई को पड़ रही है। इस दिन वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पड़ रही है। 04 मई को प्रातः 07 बजकर 18 मिनट पर प्रारंभ होगी और अगले दिन, 05 मई को प्रातः 07 बजकर 35 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए आप रात के समय भी इनकी पूजा कर सकती हैं। इस पूजा को करने से आपको सुखों की प्राप्ती होगी। साथ ही, आपके अटके हुए काम बन जाएंगे।
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बगलामुखी की पूजा सामग्री (Baglamukhi Puja Samagri List)
- मां बगलामुखी की तस्वीर
- पीला वस्त्र
- पीला आसन
- हल्दी पाउडर
- पीला चंदन
- केसर
- गंगाजल
- दीपक
- घी
- धूप
- पीले फूल
- पीले फल
- पीली मिठाई
- हल्दी की गांठ
- पीली सरसों
- रोली
- अक्षत
बगलामुखी जयंती की पूजा विधि (Baglamukhi Puja Vidhi 2025)
इस दिन पूजा के लिए आप सुबह जल्दी उठे। इसके बाद स्नान करके माता को प्रणाम करके इस दिन की शुरुआत करें। घर की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। इसके बाद उनके लिए चोकी लगाएं। इसमें पीले कपड़े को बिछाएं। फिर इसमें माता की तस्वीर को रखें। इसके बाद मंत्रों का उच्चारण करके माता को फूल, फल, वस्त्र आदि चीजें अर्पित करें। पूजा के समय दुर्गा चालीसा का पाठ और मंत्रों का जप करें। इसके बाद माता की आरती करें। आप चाहें तो इस पूजा को शाम के समय भी पूरे विधि-विधान के साथ करें। इससे भी आपको पूजा का फल मिल जाएगा।
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माता बगलामुखी के मंत्र कौन से हैं
माता बगलामुखी की पूजा के समय ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै ह्लीं ॐ नमः और ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा का उच्चारण जरूर करें। तभी आप मां का आशीर्वाद ले पाएंगे। इन मंत्रों को गलत तरह से उच्चारण न करें। इसे सही तरीके से बोलें। इससे पूजा भी पूरी मानी जाएगी। इनके मंत्रों को आपको पूरी पूजा के समय बोलना है।
इस तरह से आप बगलामुखी जयंती पर माता की पूजा कर सकते हैं। इस पूजा से आपको कई तरह के संकटों से छुटकारा मिल सकता है। बस आपको विधि और नियमों का खास ध्यान रखना होगा। इससे आपकी पूजा भी अच्छे से हो जाएगी। साथ ही, आपको इस पूजा का फल भी मिल जाएगा। बस आपको इस पूजा में किसी तरह के नियमों को नहीं भूलना है। आप पूजा करें और माता को प्रसन्न करके अपने लिए आशीर्वाद लें।
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Image Credit-herzindagi
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