आषाढ़ अमावस्या पर पितरों को खुश रखने के लिए करें इन मंत्रों का जाप, कष्ट-संकटों से भी मिल सकता है छुटकारा

आषाढ़ अमावस्या पर पितरों की शांति और आशीर्वाद पाने के लिए कुछ विशेष मंत्रों का जाप करें। ये मंत्र उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं और आपके जीवन से कष्ट-संकटों को दूर कर सकते हैं। इस दिन श्राद्ध कर्म और तर्पण के साथ इन मंत्रों का जाप पितृ दोष से मुक्ति दिलाकर सुख-समृद्धि ला सकता है।
Ashadha Amavasya mantras

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह पितरों को समर्पित खास दिन होता है। हर माह आने वाली अमावस्या पितरों की शांति और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए उत्तम मानी जाती है। इनमें से आषाढ़ अमावस्या का अपना एक अलग स्थान है। यह अमावस्या पितरों को प्रसन्न करने, उनसे जुड़े किसी भी प्रकार के दोष को शांत करने और जीवन में आ रहे कष्टों व संकटों से मुक्ति पाने के लिए बेहद फलदायी मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से किए गए तर्पण, श्राद्ध कर्म और मंत्र जाप से पितर प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को सुख-समृद्धि तथा आरोग्य का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। अगर आपके जीवन में लगातार बाधाएं आ रही हैं, आर्थिक परेशानियां हैं या परिवार में कलह का माहौल है, तो यह माना जाता है कि ये पितृ दोष के कारण हो सकते हैं। ऐसे में, आषाढ़ अमावस्या पर कुछ विशेष मंत्रों का जाप करके आप इन दोषों को शांत कर सकते हैं और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। आइए उन महत्वपूर्ण मंत्रों और उनके जाप के तरीके के बारे में जानते हैं, जिनसे आपको कष्ट-संकटों से छुटकारा मिल सकता है।

आषाढ़ अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए करें इन मंत्रों का जाप

आषाढ़ अमावस्या के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर, पितरों के निमित्त तर्पण और श्राद्ध कर्म करने के बाद इन मंत्रों का श्रद्धापूर्वक जाप करना चाहिए। इन मंत्रों का जाप करते समय आपका मुख दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए, क्योंकि यह दिशा पितरों की मानी जाती है।

how to get rid of pitru dosh'

पितृ गायत्री मंत्र

ॐ पितृगणाय विद्महे, दिव्य पितृय देहि धीमहि, तन्नो पितृ प्रचोदयात्।।

यह मंत्र पितरों को शांति प्रदान करने और पितृ दोष को दूर करने के लिए सबसे प्रभावी माना जाता है। यह मंत्र पितरों को मोक्ष प्रदान करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शक्तिशाली है। इसका जाप करने से पितृ दोष के कारण आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।

पितरों को मोक्ष प्रदान करने का मंत्र

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः।।

यह मंत्र पितरों को शांति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए समर्पित है। भगवान विष्णु का यह मंत्र पितरों को वैकुंठ धाम में स्थान दिलाने में सहायक माना जाता है। इसका जाप करने से पितरों को सद्गति प्राप्त होती है, जिससे उनका आशीर्वाद आपके जीवन में सुख और शांति लाता है।

पितरों के आशीर्वाद के लिए सरल मंत्र

Ashadha amavasya mantra benefits

ॐ सर्वेभ्यो पितृभ्यो नमः।।

यह मंत्र पितरों से आशीर्वाद और कल्याण की कामना के लिए है। यह सभी ज्ञात और अज्ञात पितरों को नमन करते हुए उनसे जीवन में सुख-समृद्धि और कल्याण का आशीर्वाद मांगने का सरल और प्रभावी मंत्र है।

भगवान विष्णु का मूल मंत्र

ॐ नमो भगवते रुद्राय मृतार्कनाशिने मम पूर्वजानां मार्गं दर्शय दर्शय ॐ नमो भगवते स्वाहा।।

विष्णु भगवान को पितरों का अधिष्ठाता माना जाता है। पितृ पक्ष या अमावस्या पर उनके मंत्र का जाप पितरों को प्रसन्न करता है। यह मंत्र पितरों को सही मार्ग दिखाने और उनके लिए मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करने में सहायक माना जाता है।

इसे भी पढ़ें-आषाढ़ माह में आपकी जेब पर भारी पड़ सकती है कुछ चीजों की खरीदारी, ज्योतिष से जानें

सुख-समृद्धि और कष्ट निवारण के लिए

ॐ श्रीं श्रीं श्रीं परम सिद्धि परम्परम्परम्परं शांतिं देहि देहि स्वाहा।।

यह मंत्र जीवन में आने वाले सभी कष्टों और संकटों से मुक्ति दिलाकर सुख-समृद्धि लाने की कामना करता है। यह मंत्र आध्यात्मिक शांति और भौतिक सुख-समृद्धि दोनों के लिए जाप किया जाता है, जिससे जीवन के कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं।

इसे भी पढ़ें-Ashadha Amavasya 2025 पर करें ये 7 काम...देवी लक्ष्मी की होगी ऐसी कृपा कि नहीं महसूस होगी धन की कमी

मंत्र जाप का सही तरीका

Ashadha amavasya mantra jaap

  • अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करें या घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
  • दक्षिण दिशा की ओर मुख करके अपने पितरों का तर्पण करें। इसके लिए कुश और काले तिल का उपयोग करें।
  • यदि संभव हो, तो किसी योग्य ब्राह्मण से पितरों का श्राद्ध कर्म कराएं।
  • इस दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। गायों को चारा खिलाना भी पुण्यकारी होता है।
  • पीपल के पेड़ में देवताओं और पितरों का वास माना जाता है। अमावस्या पर पीपल के पेड़ के नीचे जल चढ़ाना, दीपक जलाना और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करना शुभ होता है।
  • मंत्रों का जाप करते समय पूरी श्रद्धा और एकाग्रता बनाए रखें। मन को शांत और पवित्र रखें।
  • पितरों को अर्पित की जाने वाली चीज़ों में तुलसी के पत्ते का प्रयोग करें।

इसे भी पढ़ें-आषाढ़ अमावस्या के दिन इस विधि से करे पितरों की पूजा, पितृदोष से मिल सकता है छुटकारा

इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ।

Image credit- Freepik


HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP