हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन कालाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा का विधान है। मान्यता है कि काल भैरव भगवान की आराधना करने से भय दूर होता है और अकाल मृत्यु का योग तक टल जाता है। कालाष्टमी के दिन भगवन काल भैरव की पूजा करने से किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा या फिर बुरी शक्ति परेशान नैन कर पाती है।
यूं तो भगवान काल भैरव की पूजा गृहस्थ लोगों के लिए मना है लेकिन इस दिन भगवान शिव के इस स्वरूप का ध्यान करते हुए उनके नाम का जाप करना शुभ माना जाता है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि अप्रैल की कालाष्टमी कब पड़ रही है, क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त और क्या लाभ मिलते हैं कालाष्टमी के दिन भगवान काल भैरव की पूजा करने से।
अप्रैल कालाष्टमी 2025 कब है? (April Kalashtami 2025 Kab Hai?)
अप्रैल की कालाष्टमी हिन्दू महीने वैशाख में पड़ेगी। इसलिए यह वैशाख माह की कालाष्टमी भी कहलाएगी। अप्रैल में पड़ने वाली कालाष्टमी तिथि का आरंभ 20 अप्रैल, रविवार के दिन रात 7 बजकर 1 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 21 अप्रैल, सोमवार के दिन शाम 6 बजकर 58 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, अप्रैल या वौशाख माह की कालाष्टमी 21 अप्रैल को पड़ेगी।
यह भी पढ़ें:क्यों असुर करते थे सिर्फ भगवान शिव की ही पूजा? जानें क्या था कारण
अप्रैल कालाष्टमी 2025 शुभ मुहूर्त (April Kalashtami 2025 Shubh Muhurat)
वैशाख माह की कालाष्टमी के दिन साध्य योग का निर्माण हो रहा है जो दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से शुरू होगा और रात 11 बजे तक रहेगा। इस दिन सूर्योदय का समय सुबह 6 बजकर 4 मिनट है। वहीं, दूसरी ओर इस दिन सूर्यास्त का समय शाम 6 बजकर 46 मिनट है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 28 मिनट से सुबह 5 बजकर 15 मिनट तक रहने वाला है। यह दान के लिए शुभ समय है।
वहीं, अभिजीत मुहूर्त इस दिन दोपहर 12 बजे से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा एवं अमृत काल सुबह 5 बजकर 59 मिनट से सुबह 7 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। इस दिन दो पार अमृत काल का योग बन रहा है। दूसरी बार अमृत काल दोपहर 2 बजकर 16 मिनट से दोपहर 3 बजकर 52 मिनट तक रहने वाला है। अभिजीत मुहूर्त और अमृत काल दोनों ही काल भैरव नाम जाप के लिए श्रेष्ठ हैं।
यह भी पढ़ें:Kaal Bhairav Sawari Story: कैसै एक काला कुत्ता बन गया काल भैरव की सवारी? जानें रोचक तथ्य
अप्रैल कालाष्टमी 2025 महत्व (April Kalashtami 2025 Mahatva)
भगवान काल भैरव की पूजा करने से भय, अवसाद और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है। व्यक्ति के भीतर शक्ति और निर्भीकता का संचार होता है। व्यक्ति की संकटोंसे रक्षा होती है। भूत-प्रेत आदि की बाधा से ग्रसित व्यक्ति को मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा, कालाष्टमी के दिन काल भैरव भगवान का नाम जाप करने से शत्रुओं पर भी विजय प्राप्त होती है और स्वयं भगवान काल भैरव षड्यंत्रों से रक्षा भी करते हैं।
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: herzindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों