Apara Ekadashi Vrat Katha 2024: अपरा एकादशी के दिन जरूर पढ़ें ये व्रत कथा, भगवान विष्णु की होगी कृपा

Apara Ekadashi Lord Vishnu Vrat Katha 2024: पंचांग के अनुसार, साल में कुल 24 एकादशी तिथियां मनाई जाती हैं। इन्हीं में से एक है ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अपरा एकादशी। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। 

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Apara Ekadashi Vrat Katha 2024:हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत महत्व माना जाता है। पंचांग के अनुसार, साल में कुल 24 एकादशी तिथियां मनाई जाती हैं। इन्हीं में से एक है ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अपरा एकादशी। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। साथ ही, यह भी माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत कथा पढ़ना या सुनना बहुत शुभ सिद्ध होता है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं अपरा एकादशी की व्रत कथा के बारे में विस्तार से।

अपरा एकादशी की व्रत कथा (Apara Ekadashi Vrat Katha 2024)

महीध्वज नामक एक राजा हुआ करता था जिसका एक छोटा भाई भी था जिसका नाम था वज्रध्वज। जहां एक ओर बड़ा भाई महीध्वज धर्म कार्यों में लीन रहता था वहीं, दूसरी ओर उसका छोटा भाई वज्रध्वज बड़े भाई से द्वेष रखता था।

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एक दिन मौका पाकर वज्रध्वज ने बड़े भाई महीध्वज की हत्या कर दी और किसी को पता न चले इसके लिए भाई के शव को पीपल के पेड़ के नीचे गाड़ दिया। राजा की यह मृत्यु पूर्व निश्चित नहीं थी यानी कि यह एक अकाल मृत्यु थी।

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अकाल मृत्यु के कारण राजा की आत्मा का उसी पीपल के पेड़ में वास हो गया जहां उसके शव को गाड़ा गया था। राजा की अतृप्त आत्मा पीपल के पेड़ के पास से गुजरने वाले हर एक व्यक्ति को परशान करने लगी थी।

एक बार एक ऋषि उस पेड़ के पास जा रहे थे कि राजा की आत्मा ने उन्हें भी परेशान करने की कोशिश की ;लेकिन ऋषि ने अपने तपोबल से उस आत्मा को अपने काबू में कर लिया औ उसके आत्मा बनने के कारण का पता लगाया।

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इसके बाद जब ऋषि को पता चला कि राजा केसाथ गलत हुआ था तब ऋषि ने खुद ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन राजा की आत्मा को मुक्ति दिलाने के लिए घोर तप-व्रत और भगवान विष्णु की आराधना की।

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इसके बाद भगवान विष्णु ने ऋषि की एक प्रेत के प्रति निष्ठा देखकर उन्हें दर्शन दिए और ऋषि की इच्छानुसार राजा की आत्मा को प्रेत योनी से मुक्त कर उसे स्वर्गलोक में स्थान दिया। तभी से अपरा एकादशी का व्रत रखा जाने लगा।

आप भी इस लेख में दी जानकारी के माध्यम से अपरा एकादशी की व्रत कथा के बारे में जान सकते हैं। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

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