श्रीकृष्ण द्वारा गीता में कहा गया है कि मृत्यु जीवन का वह सत्य है, जो अटल और अंतिम है, जिसे कोई टाल नहीं सकता है। जिस व्यक्ति का जन्म हुआ है, उसकी निधन तय है। हिंदू धर्म में जन्म से लेकर मृत्यु को लेकर कुल सोलह संस्कार हैं। इसमें आखिरी संस्कार मृत्यु के बाद शव को दिया जाने वाला अंतिम विदाई यानी दाह संस्कार है। शास्त्रों में शव को लेकर कई नियम उल्लिखित किए गए हैं। जब किसी व्यक्ति का देहांत होता है, तो उसकी अंतिम यात्रा के दौरान कई प्रकार की परंपराएं जैसे शव को घर के बाहर रखना, शव के पास में अगरबत्ती का जलाना आदि निभाई जाती है। इसी रस्म में एक और परंपरा शामिल है, जिसमें अर्थी के चारों ओर हल्दी से रेखा खींचना शामिल है। चलिए आचार्य उदित नारायण त्रिपाठी से जानते हैं इसके पीछे का कारण-
शव के चारों ओर हल्दी से क्यों खींची जाती है रेखा (why is a line drawn with turmeric around the arthi)
शायद आपने कभी गौर देखा होगा कि जब अर्थी जमीन रखा जाता है, तो उसके चारों तरफ गोलाकार या वर्गाकार रूप में हल्दी से लाइन खींची जाती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है। इस सवाल के बारे में आचार्य उदित नारायण त्रिपाठी ने बताया कि मृत्यु के बाद आत्मा कुछ समय तक शरीर के इर्द-गिर्द घूमती रहती है। ऐसे में हल्दी से बनी यह रेखा एक एनर्जी बाउंड्रीका काम करती है, जो आत्मा को स्थिरता प्रदान करती है और नकारात्मक शक्तियों को दूर रखती है। इसके अलावा हिंदू धर्म में हल्दी को शुद्धता और मंगल का प्रतीक माना गया है। अर्थी के किनारे यह रेखा वातावरण को पवित्र बनाए रखने का काम करती है।
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वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार (Scientific Reason Behind Why Is Line Drawn Around The Arthi)
भारतीय परंपराओं में कई ऐसी रस्में हैं, जो देखने में धार्मिक लगती हैं, लेकिन इसके पीछे साइंटिफिक रीजन होता है। अर्थी के चारों ओर हल्दी से रेखा खींचना भी एक ऐसी परंपरा है। मृत शरीर से कुछ देर बाद बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्म जीव पैदा होने लगते हैं, जिससे इंफेक्शन होने का खतरा होता है। हल्दी में प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। ऐसे में अर्थी के चारों ओर हल्दी की रेखा एक प्रकार की बायोलॉजिकल बैरियर का काम करता है, जो बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता और कंट्रोल करता है।
घर के बाहर क्यों रखी जाती है अर्थी?(Why is the bier kept outside the house)
क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर अर्थी को घर के बाहर या खुली जगह पर क्यों रखा जाता है। पंडित के अनुसार, हिंदू धर्म में घर को देवस्थान के समान पवित्र माना जाता है। वहीं मृत्यु को अशुभ माना जाता है, इसलिए मृत शरीर को घर के भीतर नहीं रखा जाता ताकि घर की शुद्धता बनी रहे। इसके अलावा माना जाता है कि आत्मा को घर की चारदीवारी से मुक्त करना जरूरी है। इसलिए अर्थी को खुले स्थान रखा जाता है ताकि आत्मा बिना बंधन के अपनी यात्रा शुरू कर सके।
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Image credit-Herzindagi
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