जब भी हम मंदिर जाते हैं हमें प्रसाद के रूप में कुछ चीजें मंदिर से प्राप्त होती हैं। अक्सर लोग पूजा की इन सामग्रियों को घर ले आते हैं। कई बार मंदिर में फूल-मालाएं भी मिलती हैं जिसके बारे में हम ये जान नहीं पाते हैं कि इनका क्या करना चाहिए। कई बार हम मंदिर से मिली हुई चीजों को किसी और को दे देते हैं, तो कई बार घर के किसी कोने में संभालकर रख देते हैं। ऐसे ही मंदिर में दर्शन करने के बाद, अक्सर हमें श्रृंगार के सामान जैसे कि सिंदूर, मेहंदी, बिंदी आदि भी मिलते हैं। ये सामान देवी-देवताओं की कृपा और आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। लेकिन कई बार मन में ये सवाल आता है कि आपको मंदिर से मिलने वाली श्रृंगार की सामग्रियों का क्या करना चाहिए? क्या आप इन सामग्रियों को किसी करीबी को दे सकती हैं या फिर इनका इस्तेमाल आपको अपने लिए ही करना चाहिए। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से इसके बारे में विस्तार से जानें कि आपको मंदिर से मिले श्रृंगार के सामान का क्या करना चाहिए और इनसे कौन से उपाय करना उचित होगा।
श्रृंगार के सामान का महत्व
ज्योतिष की मानें तो श्रृंगार का सामान न केवल हमारी सुंदरता को बढ़ाता हैं, बल्कि ये हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिकता को भी बढ़ावा देते हैं। सिंदूर, मेहंदी और बिंदी जैसी कई श्रृंगार की सामग्रियां जो हमें मंदिर से किसी न किसी रूप में प्राप्त होती हैं वो हमारे जीवन में देवी-देवताओं की कृपा पाने का माध्यम मानी जाती हैं, यह भी कहा जा सकता है कि ईश्वर इन सामग्रियों के माध्यम से आपको सौभाग्य का आशीर्वाद देता है।
इससे हमारी भगवान के प्रति श्रद्धा और भक्ति को बढ़ावा देते हैं। किसी भी सुहागिन महिला के लिए श्रृंगार का सामान मंदिर से मिलना बहुत शुभ माना जाता है और अपने सौभाग्य की बढ़ाने के लिए महिलाएं इन सामानों का इस्तेमाल कर सकती हैं। श्रृंगार का सामान इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह किसी भी सुहागिन महिला के लिए सौभाग्य का संकेत हो सकते हैं। मंदिर से प्रसाद के रूप में इनका मिलना बहुत शुभ माना जाता है।
मंदिर से मिले श्रृंगार के सामान का क्या करना चाहिए
आपको हमेशा इस बात की कोशिश करनी चाहिए कि मंदिर से मिली श्रृंगार की सामग्री आप स्वयं ही इस्तेमाल में लाएं।
यदि आपको मंदिर से सिंदूर मिलता है तो इसे हमेशा अपने पति के नाम और मंगल कामनाओं के साथ लगाना अपनी मांग में लगाना चाहिए। इससे आपके वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है। प्रसाद में श्रृंगार सामग्री के रूप में मेहंदी को अपने हाथों में सजा सकती हैं। इससे सौभाग्य और सुख की प्राप्ति होती है। प्रसाद के रूप में मिली बिंदी को अपने माथे पर सजा सकती हैं। इससे आपके जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा और सकारात्मकता बनी रहती है। आप इस सामग्री को अपने परिवार की किसी सुहागिन महिला को भी प्रसाद के रूप में दे सकती हैं, हालांकि आपको इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि आप इसे किसी ऐसे व्यक्ति को ही दें जो इसका इस्तेमाल सही तरीके से कर सके और इसे कूड़े में न फेंके।
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मंदिर से मिले श्रृंगार के सामान के उपाय
पंडित जी के अनुसार, मंदिर से मिले श्रृंगार के सामान का इस्तेमाल करने से पहले हमें कुछ विशेष उपाय करने चाहिए। इन उपायों से हमें ईश्वर की पूर्ण कृपा प्राप्त होती है और इसके शुभ फल मिलते हैं। आइए जानें इन उपायों के बारे में।
मंदिर में श्रृंगार का सामान प्रसाद के रूप में लेने से पहले आपको ध्यान में रखना चाहिए कि आप माता को श्रृंगार का सामन जरूर चढ़ाएं। स्वयं श्रृंगार का सामान चढ़ाने के बाद ही वहां से श्रृंगार की सामग्री ग्रहण करनी चाहिए।
श्रृंगार के सामान को देवी-देवताओं को अर्पित करने से पहले हमें उनका आशीर्वाद प्राप्त कर लेना चाहिए। इससे हमें उनकी कृपा और आशीर्वाद मिल सकता है।
यदि आपको मंदिर से श्रृंगार का सामान मिलता है तो आप इसका इस्तेमाल नियमित रूप से कर सकती हैं। आप यदि किसी तीज-त्योहार में इस श्रृंगार के सामान का इस्तेमाल करें तो यह बहुत शुभ हो सकता है।
अगर आपको मंदिर में श्रृंगार की सामग्री मिलती है तो इसका इस्तेमाल आपको यहां बताए तरीकों से करना चाहिए और इन्हीं उपायों को आजमाना चाहिए जिससे जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है।
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