कितने साल की होती है राहु की महादशा? जानें कब देती है शुभ फल

आज हम इस लेख में बात कर रहे हैं राहु की महादशा के बारे में। राहु की महादशा जब शुरू होती है व्यक्ति के जीवन में कई बदलाव आते हैं जो मुख्य रूप से अशुभ प्रभाव डालते हैं, लेकिन राहु की महादशा शुभ भी होती है।
duration of rahu mahadasha

हर ग्रह का अपना एक चक्र होता है। इस चक्र के दौरान वह शुभ फल भी देता है और अशुभ फल भी प्रदान करता है। सभी ग्रहों में से दो ग्रहों की दशा सबसे घातक मानी जाती है, एक शनि की ग्रह दिशा जिसे साढ़े साती या ढैय्या के रूप में जाना जाता है और दूसरी राहु की महादशा। आज हम इस लेख में बात कर रहे हैं राहु की महादशा के बारे में। राहु की महादशा जब शुरू होती है व्यक्ति के जीवन में कई बदलाव आते हैं जो मुख्य रूप से अशुभ प्रभाव डालते हैं, लेकिन राहु की महादशा शुभ भी होती है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि कितने समय की होती है राहु की महादशा और इस समय के दौरान कब शुभ एवं कब अशुभ प्रभाव देती है।

कितने समय तक की होती है राहु की महादशा?

kab shubh ho jati hai rahu ki mahadasha

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु की महादशा 18 साल तक की होती है। इसमें से जब राहु की महादशा का तीसरा, छठा या नौवा साल चल रहा होता है, तब राहु शुभ परिणाम भी दिखाते हैं और अशुभ परिणाम भी जीवन में लेकर आते हैं। साथ ही, जहां एक ओर राहु की महादशा का छठा वर्ष आर्थिक नुकसान लेकर आता है तो वहीं, आठवां वर्ष स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित करता है। राहु महादशा के दौरान अच्छे या बुरे कैसे परिणाम दिखाता है, यह पूरी तरह से राहु की स्थिति पर निर्भर करता है यानी कि किसी जातक की कुंडली में जैसी राहु की दिशा और दशा वैसा उसका प्रभाव।

कब अशुभ प्रभाव देती है राहु की महादशा?

अगर राहु जातक की कुंडली में पहले, चौथे, सातवें, आठवें, नौवें या बारहवें भाव में है तो इसका अर्थ है कि राहु बहुत कष्टकारी सिद्ध होने वाला है। इन भावों में राहु का होना महादशा के दौरान राहु दोष को उत्पन्न करता है जिसका सीधा प्रभाव व्यक्ति के व्यक्तित्व पर पड़ता है। जहाना एक ओर व्यक्ति बुरे और नकारात्मक विचारों में लीन हो जाता है तो वहीं, वह बुरी आदतों को भी अपनाने लगता है।

यह भी पढ़ें:राहु दोष से छुटकारा पाने के लिए जरूर लगाएं इस रंग का चंदन

कब शुभ प्रभाव देती है राहु की महादशा?

kab shubh fal deti hai rahu ki mahadasha

ज्योतिष गणना के अनुसार, महादशा के दौरान अगर राहु कुंडली में 10वें, 11वें या 5वें भाव में है तो यह जातक के लिए बहुत ही ज्यादा शुभ होता है। महादशा में भी इन भावों में बैठा राहु सुख-समृद्धि, सौभाग्य, धन-संपदा आदि से व्यक्ति के जीवन को भर देता है। व्यक्ति के जीवन से दरिद्रता और रोगों को दूर कर आरोग्य प्रदान करता है। सरल शब्दों में कहें तो अगर राहु उच्च स्थिति में है तो राजयोग प्राप्त होता है।

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP

FAQ

  • राहु की महादशा शुरू होने के क्या लक्षण हैं?

    राहु की महादशा शुरू होने पर व्यक्ति के जीवन में कई बदलाव आते हैं, जैसे अचानक धन हानि, चिड़चिड़ापन, तनाव, गलत कामों में रुचि बढ़ना, नींद की समस्या, डरावने सपने आना और नकारात्मक विचार।