जगन्नाथ रथ यात्रा 27 जून से शुरू हो रही है। जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ भ्रमण पर निकलते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति अपने पूरे जीवन काम में सिर्फ एक बार भी पुरी की दिव्य इस यात्रा का साक्षी बन जाता है उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, यात्रा के दौरान जगन्नाथ जी के रथ को स्पर्श करने का भी खासा महत्व है, यहां तक कि रथ की रस्सी अगर किसी को खींचने को मिल जाए तो यह भी बहुत सौभाग्यमय माना जाता है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ के रथ को क्या रथ की रस्सी को स्पर्श करने से क्या होता है।
यात्रा के दौरान जगन्नाथ जी के रथ को स्पर्श करने के लाभ
ऐसी मान्यता है कि जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होने या भगवान के रथ को छूने मात्र से व्यक्ति के सभी पापों का नाश हो जाता है। यह एक ऐसा अवसर है जब भगवान स्वयं अपने भक्तों को दर्शन देने और उनका कल्याण करने के लिए मंदिर से बाहर आते हैं। रथ का स्पर्श करने से जन्म-जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति मोक्ष की ओर अग्रसर होता है यानी उसे जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति मिल सकती है।
रथ को खींचना या स्पर्श करना बहुत सौभाग्यशाली माना जाता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। भगवान जगन्नाथ की कृपा से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है और सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। यह कार्य व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इसके अलावा, व्यक्ति का सोया हुआ भाग्य भी जाग जाता है और उसके भीतर दिव्यता का वास होता है।
यह भी पढ़ें:जगन्नाथ रथ यात्रा में नहीं हो पाएं शामिल तो घर में जरूर करें ये 3 काम, बैठे-बिठाए मिल जाएगा पुण्य
भक्तगण श्रद्धापूर्वक भगवान के रथ को छूकर अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की प्रार्थना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान भगवान जगन्नाथ अपने भक्तों की पुकार सुनते हैं और उनकी सभी सच्ची इच्छाओं को पूरा करते हैं। यह एक ऐसा समय होता है जब भगवान भक्तों के लिए अत्यंत सुलभ होते हैं। ऐसा माना जाता है कि संकल्प के साथ अगर भगवान जगन्नाथ के रथ को छूते हुए कोई कामना की जाए तो वह अवश्य पूरी होती है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान रथ को एक-एक कदम खींचने से कई बड़े-बड़े यज्ञों का फल प्राप्त होता है। इसी तरह, रथ को स्पर्श करने से भी अनगिनत पुण्य मिलते हैं, जो सामान्य पूजा-पाठ से प्राप्त करना कठिन होता है। यह एक ऐसा अवसर है जब व्यक्ति बिना अधिक प्रयास के भी भगवान की प्राप्ति कर सकता है या भगवान की कृपा से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकता है।
यह भी पढ़ें:Jagannath Rath Yatra 2025: जगन्नाथ रथ यात्रा कब से हो रही है आरंभ, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
रथ को स्पर्श करना भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के साथ सीधा आध्यात्मिक संबंध स्थापित करने का प्रतीक है। यह भक्तों की श्रद्धा, समर्पण और प्रेम को दर्शाता है। इस दौरान भक्त भगवान को अपने हृदय के करीब महसूस करते हैं और यह अनुभव उन्हें आंतरिक शांति और भक्ति की गहरी अनुभूति प्रदान करता है। इससे व्यक्ति के भीतर की चेतना जागृत होती है और आध्यात्म की ओर व्यक्ति का ध्यान बढ़ता जाता है।
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: herzindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों