श्री कृष्ण की लीला स्थली ब्रज धाम में श्री कृष्ण और राधा रानी के कई मंदिर प्राचीन समय से ही स्थापित हैं। कुछ मंदिर तो ऐसे भी हैं जो द्वापरयुग से ही अब तक ब्रज स्थल में मौजूद हैं। ब्रज के किसी भी क्षेत्र में मौजूद कोई सा भी मंदिर क्यों न हो सब में श्री राधा कृष्ण की प्रतिमा के दर्शन होते हैं, लेकिन आज हम आपको ब्रज धाम के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो न सिर्फ प्राचीन है बल्कि श्री कृष्ण की लीला का अनोखा साक्षात्कार भी करवाता है। इस मंदिर के बारे में हमें ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमारे साथ कई रोचक तथ्य सांझा किए।
कहां होती है एक बीमार बुढ़िया के साथ श्री कृष्ण की पूजा?
उत्तरप्रदेश के मथुरा में स्थापित है एक मंदिर जिसमें श्री कृष्ण की पूजा राधा रानी के साथ नहीं बल्कि एक बीमार बुढ़िया के साथ की जाती है। इस मंदिर के बारे में कम ही लोगों को पता है और इसी कारण से इस मंदिर में लोगों का आना जाना नहीं है, यही वजह है कि यह मंदिर अब खंडर का रूप लेता जा रहा है।
असल में हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं वह मथुरा के अंतापारा इलाके में है जो मथुरा के परिक्रमा मार्ग में पड़ता है। यह मंदिर विश्राम घाट पर स्थित है। इस मंदिर में कुब्जा नाम की एक बूढ़ी अम्मा की पूजा श्री कृष्ण के साथ की जाती है। कुब्जा और श्री कृष्ण की पौराणिक कथा भी धर्म-ग्रंथों में मौजूद है।
क्यों होती है श्री कृष्ण की बीमार बुढ़िया के साथ पूजा?
पौराणिक कथा के अनुसार, जब श्री कृष्ण कंस का वध करने के लिए मथुरा पहुंचते थे, तब उनकी भेंट कुब्जा नाम की एक वृद्ध महिला से हुई थी जो कोढ़ की बीमारी से ग्रसित थी और उसके कूबड़ निकला हुआ था। मथुरा के सभी लोग उसे कुब्जा कहकर बुलाते थे और उसका मजाक बनाया करते थे।
जब श्री कृष्ण उससे मिले तो उन्होंने न सिर्फ कुब्जा का कोढ़ और उसका कूबड़ ठीक क्र दिया था बल्कि उसे अपार सौंदर्य भी प्रदान किया था। कुब्जा कंस की सेविका थी लेकिन वह परम विष्णु भक्त थी। इसी कारण से उसे कृष्ण कृपा प्राप्त हुई। जिस स्थान पर यह चमत्कार हुए उसी जगह आज ये मंदिर है।
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ऐसा माना जाता है कि कृष्ण कुब्जा मंदिर में जो भी कोई दर्शन करने जाता है और वाहना की रज उठाकर अपने शरीर के गावों पर लगाता है उसे चर्म रोगों से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाती है और सुंदरता प्राप्त होती है। कथा के अनुसार, श्री कृष्ण ने भी यही वरदान कुब्जा को प्रदान किया था।
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image credit: herzindagi
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