Sawan Shivratri Puja Samagri 2025: सावन शिवरात्रि की पूजा में क्या-क्या सामग्री लगेगी? यहां जान लें संपूर्ण जानकारी

हिंदू धर्म में सावन शिवरात्रि का व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। वहीं इस दौरान पूजा में क्या-क्या सामग्री लगेगी? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
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प्रत्येक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है, लेकिन सावन माह की मासिक शिवरात्रि का अपना एक विशेष महत्व है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी और उनकी यह तपस्या सावन मास में ही सफल हुई थी। इसलिए, अविवाहित कन्याएं अच्छे वर की कामना से इस दिन व्रत रखती हैं, जबकि विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए यह व्रत करती हैं।
सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का मिलन हुआ था, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उनके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है। अब ऐसे में अगर आप सावन शिवरात्रि के दिन पूजा कर रहे हैं तो इस दौरान पूजा के लिए क्या-क्या सामग्री लगेगी? आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

सावन शिवरात्रि की पूजा में क्या-क्या सामग्री लगेगी?

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  • जल: शुद्ध जल और गंगाजल। शिवलिंग पर जल चढ़ाने से मन शांत होता है और घर में सकारात्मकता आती है।
  • दूध: कच्चा गाय का दूध। दूध से अभिषेक करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और मानसिक शांति मिलती है।
  • दही: दही सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक है। इसे चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
  • शहद: शहद चढ़ाने से जीवन में मिठास आती है, वाणी मधुर होती है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
  • घी: शुद्ध देसी गाय का घी। घी शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक है, इसे चढ़ाने से जीवन में सफलता मिलती है।
  • शक्कर और गुड़: शक्कर या गुड़ चढ़ाने से जीवन में खुशहाली आती है।
  • गन्ने का रस: गन्ने का रस भी अभिषेक के लिए शुभ माना जाता है।
  • पंचामृत: दूध, दही, शहद, घी, शक्कर को मिलाकर पंचामृत भी बना सकते हैं और इससे शिवलिंग का अभिषेक कर सकते हैं।
  • बेलपत्र: बेलपत्र शिव पूजा का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। कम से कम 7 या 11 बेलपत्र होने चाहिए, जितनी अधिक हो सके उतनी उत्तम है।
  • धतूरा: धतूरा भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है।
  • भांग: भांग भी शिव जी को अर्पित की जाती है।
  • आक के फूल और पत्ते: आक के फूल और पत्तियां भी शिव जी को बहुत पसंद हैं।
  • सफेद पुष्प: सफेद रंग के पुष्प, जैसे चमेली, चम्पा, कनेर, चांदनी के फूल आदि।
  • शमी पत्र: शमी के पत्ते सभी देवताओं को प्रिय होते हैं, शिव जी को भी अर्पित किए जाते हैं। कम से कम 7 शमी पत्र होने चाहिए।
  • दूर्वा: पांच हरी दूर्वा।
  • अक्षत: अखंडित चावल। ध्यान रहे चावल टूटे हुए न हों।
  • चंदन: पीला चंदन या सफेद चंदन। तिलक लगाने और शिवलिंग पर लेप लगाने के लिए।
  • रोली: तिलक लगाने के लिए।
  • मौली और कलावा: हाथ में बांधने के लिए और शिवलिंग पर अर्पित करने के लिए।
  • अबीर और गुलाल: विभिन्न रंगों के अबीर और गुलाल।
  • धूप और दीप: धूपबत्ती और घी के दीपक।
  • कपूर: आरती के बाद जलाने के लिए।
  • मिठाई और नैवेद्य: भगवान शिव को विभिन्न प्रकार के नैवेद्य अर्पित किए जाते हैं, जैसे ताजे फल, लड्डू, और अन्य पकवान।

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  • फल:आप भगवान शिव को उनके प्रिय फल अर्पित कर सकते हैं।
  • सुपारी: साबुत सुपारी आप 3 या 5 ले सकते हैं।
  • लौंग और इलायची: पूजा में इस्तेमाल की जाती हैं।
  • पान के पत्ते: पूजा के लिए आवश्यक।
  • जनेऊ: दो जनेऊ
  • वस्त्र: भगवान शिव और माता पार्वती को अर्पित करने के लिए वस्त्र।
  • भस्म: शिवलिंग पर लगाने के लिए।
  • दक्षिणा: पूजा के बाद पंडित जी को देने के लिए या दान के लिए।

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Image Credit- HerZindagi

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