सावन शिवरात्रि हिंदू धर्म में बहुत खास मानी जाती है। यह सावन के पवित्र महीने में आती है, जो भगवान शिव को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती ने मिलकर 'शांत तांडव' किया था। भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा करते हैं।
खासतौर पर शिवलिंग पर पवित्र जल, दूध, बेलपत्र और धतूरा चढ़ाया जाता है। माना जाता है कि सच्चे मन से पूजा करने से सभी दुख दूर होते हैं, मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। आइए, ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं कि इस साल सावन शिवरात्रि कब है, पूजा और जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त क्या है और इसका क्या महत्व है।
सावन शिवरात्रि 2025 कब है?
सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 23 जुलाई, बुधवार के दिन सुबह 4 बजकर 39 मिनट से होगा। वहीं, इसका समापन 24 जुलाई, गुरुवार के दिन सुबह 5 बजकर 38 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, सावन शिवरात्रि का व्रत 23 जुलाई को रखा जाएगा।
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सावन शिवरात्रि 2025 शुभ मुहूर्त
सावन शिवरात्रि यानी कि 23 जुलाई के दिन भगवान शिव की पूजा एवं जलाभिषेक के लिए निशिता मुहूर्त रात 12 बजकर 7 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। इस दौरान पूजा की कुल अवधि 41 मिनट की होगी। वहीं, इस दिन स्नान-दान के लिए ब्रह्म मुहूर्त का समय उत्तम रहेगा।
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 15 मिनट से सुबह 4 बजकर 56 मिनट तक है। इसके अलावा, पूज-पाठ से जुड़े किसी भी शुभ काम के लिए विजय मुहूर्त 23 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 44 मिनट से दोपहर 3 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में किया गया काम अवश्य सफल होता है।
सावन शिवरात्रि के दिन गोधुली मुहूर्त शाम 7 बजकर 17 मिनट से शाम 7 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। सायं संध्या काल शाम 7 बजकर 17 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इस दिन अमृत काल सुबह 8 बजकर 32 मिनट से सुबह 10 बजकर 2 मिनट तक रहने वाला है।
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सावन शिवरात्रि 2025 महत्व
सावन शिवरात्रि का व्रत रखने से भगवान शिव और माता पार्वती प्रसन्न होते हैं जिससे भक्तों को मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मिलता है। माना जाता है कि यह व्रत दांपत्य जीवन में सुख-शांति लाता है और अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति में भी सहायक होता है। इस व्रत को रखने से दुख दूर होते हैं।
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image credit: herzindagi
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