गुस्सा आना आम बात है, इंसान को समय-समय पर अपने गुस्से को शांत करना चाहिए और कभी-कभी गुस्सा बाहर भी आ सकता है, लेकिन उन लोगों के बारे में आपका क्या कहना है जिन्हें बार-बार गुस्सा आता है और चिड़चिड़ाहट बनी रहती है। कई लोगों के गुस्से के कारण उनसे डर लगता है और साथ ही साथ उनके आस-पास रहना अच्छा नहीं लगता है।
हर किसी को पता है कि गुस्सा आने पर कैसा लगता है, लेकिन इसके कारण, इसका असर और इसके परिणामों को लेकर हर किसी की अलग धारणा होती है। साइकोलॉजिस्ट्स कहते हैं कि लोग उन कारणों को अवॉइड कर सकते हैं जिससे उन्हें गुस्सा आता हो।
आमतौर पर लोग कहते हैं कि मन में गुस्सा रखना ठीक नहीं है और उसे निकाल देना चाहिए, लेकिन जिसे बार-बार गुस्सा आता है क्या उसके लिए ये सही है? 1999 में Journal of Personality and Social Psychology में पब्लिश हुई साइकोलॉजिस्ट ब्रैड बुशमैन की स्टडी बताती है कि एक समय के बाद 'सारा गुस्सा निकाल देना' मददगार नहीं बल्कि खराब साबित हो सकता है और इससे न सिर्फ आपकी आदत बिगड़ सकती है बल्कि इससे आपको बहुत नुकसान हो सकता है।
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American Psychology Association की एक रिसर्च खासतौर पर गुस्सा कम करने को लेकर बहुत ज्यादा बातें करती है और कहती है कि आखिर कैसे किन तीन तरकों से बार-बार आने वाला गुस्सा और चिड़चिड़ाहट कम की जा सकती है।
कई साइकोलॉजिस्ट्स ने इस तरीके को गुस्सा और चिड़चिड़ाहट कम करने के लिए सबसे अच्छा बताया है। ये रिसर्च भी कहती है कि रिलैक्स करना सबसे अच्छा तरीका साबित हो सकता है। इसके लिए-
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- किसी शांत जगह पर जाएं जहां आपको सुकून मिले। वो जगह कोई भी हो सकती है।
- 10-1 तक उलटी गिनती गिनें और फिर गुस्सा आने पर रिएक्ट करें। तुरंत रिएक्शन से बेहतर 10-1 तक गिनती करना है।
- बहुत तेज़ गुस्सा या चिड़चिड़ाहट होने पर आप अपनी इंडेक्स फिंगर को तेज़ी से दबाएं और कोशिश करें कि आपका ध्यान उसकी तरफ जाए।
कई बार हमारा गुस्सा सिर्फ हमारे स्वभाव का हिस्सा नहीं बल्कि हमारे मानसिक तनाव का नतीजा होता है। मानसिक तनाव आगे चलकर डिप्रेशन का कारण बन सकता है और इसलिए थेरेपी जरूरी होती है।
साइकोलॉजिस्ट्स आपके गुस्से और स्वभाव के हिसाब से आपको थेरेपी के बारे में बता सकते हैं। आपको इस बात का ध्यान रखना है कि इसे बीच में छोड़ना अच्छा नहीं है। अगर आप किसी थेरेपी के लिए जाते हैं तो उसे पूरा करें बीच में न छोड़ें।
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ये भी एक ऐसा तरीका है जिससे आप अपने गुस्से को एक दिशा दे सकते हैं। जहां थेरेपी और रिलैक्सेशन से गुस्सा कम हो सकता है वहीं स्किन डेवलपमेंट से गुस्से के साथ-साथ चिड़चिड़ापन और तनाव भी कम हो सकता है। अगर आपको बहुत ज्यादा गुस्सा आता है और आप किसी काम को अच्छे से कर लेते हैं तो वो काम कीजिए। कुकिंग, पेंटिंग, ट्रैवलिंग, रीडिंग, स्विमिंग कोई भी स्किल हो गुस्सा आने पर उसे निखारने की कोशिश कीजिए। दिन का एक समय बांध लीजिए जब आप इस तरह के स्किल्स पर काम करेंगे। धीरे-धीरे अगर आप अपने ध्यान अपने हुनर को निखारने में लगाएंगे तो आपका गुस्सा अपने आप ही शांत होता जाएगा।
एक बात का ध्यान हमेशा रखें कि गुस्सा और चिड़चिड़ाहट कई बार हमारे रिश्तों को बिगाड़ सकती है और इससे दूर रहने में ही भलाई है। अगर आपको बहुत ज्यादा चिड़चिड़ाहट होती है तो ये आपके आस-पास के लोगों के लिए गलत है। आपके मन में जो कुछ भी चल रहा है उसे बताने की कोशिश जरूर करें, लेकिन अपना गुस्सा दूसरों पर न निकालें। अगर आपको लगता है कि किसी की मदद की जरूरत है तो मदद लें और आगे बढ़ें।
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