डिजिटल युग में भले ही रेडियो की अहमियत कम हो गई है। आजकल बहुत ही कम घरों में रेडियो देखने को मिलता है, लेकिन एक समय था जब हर घर में रेडियो होता था और लोग सुबह उठकर सबसे पहले उसपर न्यूज सुनते और फिर गीतों का आनंद लेते थे। आज भले ही रेडियो की जगह स्मार्टफोन और इंटरनेट ने ले ली है, पर रेडियो एक ऐसा माध्यम रहा है जिसने दुनियाभर में लोगों को जोड़ने, सूचनाएं पहुंचाने और मनोरंजन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
रेडियो के इसी योगदान को सम्मान देने के लिए हर 13 फरवरी को सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में वर्ल्ड रेडियो डे मनाया जाता है। वर्ल्ड रेडियो डे मनाने की शुरुआत कब और कैसे हुई थी, इस बारे में यहां डिटेल से जानते हैं।
साल 2011 में पहली बार वर्ल्ड रेडियो डे सेलिब्रेट किया गया था। साल 2010 में स्पेन की रेडियो अकादमी ने वर्ल्ड रेडियो डे सेलिब्रेट करने का प्रस्ताव यूनेस्को के सामने रखा था। जिसे साल 2011 में यूनेस्को के सदस्य देशों ने स्वीकार कर लिया और इसी के बाद से 13 फरवरी को वर्ल्ड रेडियो डे मनाने की घोषणा की गई है।
इसे भी पढ़ें: भारतीय रेडियो पर सबसे पहले सुनाई दी थी जिस महिला की आवाज, जानें सईदा बानो की कहानी
पब्लिक डोमेन में मौजूद जानकारी के मुताबिक, वर्ल्ड रेडियो डे मनाने के लिए 13 फरवरी की तारीख इसलिए चुनी गई, क्योंकि इसी दिन 1946 में संयुक्त राष्ट्र रेडियो (UN Radio) की स्थापना हुई थी। इस दिन की महत्वता को समझते हुए वर्ल्ड रेडियो डे मनाने के लिए 13 फरवरी की तारीख चुनी गई थी।
यह विडियो भी देखें
भारत और रेडियो का इतिहास काफी दिलचस्प रहा है। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान रेडियो ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और देश की आजादी की घोषणा भी रेडियो यानी आकाशवाणी पर की गई थी। लेकिन, क्या आप जानते हैं पहली बार भारत में रेडियो कब आया था और सबसे पहले इसका प्रसारण कहां से किया गया था। इन सभी सवालों के जवाब हम यहां लेकर आए हैं।
भारत में रेडियो प्रसारण की शुरुआत पहली बार साल 1923 में मुंबई के रेडियो क्लब से हुई थी। इसके बाद साल 1927 में इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी की स्थापना हुई थी जिसका 1936 में नाम बदलकर ऑल इंडिया रेडियो कर दिया गया था। 1947 में आकाशवाणी के पास महज 6 रेडियो स्टेशन थे और उसकी पहुंच केवल देश के 11 प्रतिशत लोगों तक थी। लेकिन, आज आकाशवाणी के पास करीब 223 रेडियो स्टेशन है। देश की आजादी में भी रेडियो की अहम भूमिका रही है।
साल 1941 में सुभाष चंद्र बोस ने जर्मनी से रेडियो से भारतवासियों को संबोधित किया था और तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी का नारा दिया था।
इसे भी पढ़ें: LPG गैस का रंग नीला क्यों होता है?
साल 1947 में जब देश को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिली थी। तब 14-15 अगस्त की मध्यरात्रि के समय पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रेडियो पर आकर ही ऐतिहासिक प्रसारण किया था। पूर्व प्रधानमंत्री का ऐतिहासिक प्रसारण आज भी ऑल इंडिया रेडियो के पास सुरक्षित रखा हुआ है।
देश की आजादी और भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय जब दंगे छिड़े हुए थे, तब महात्मा गांधी ने भी रेडियो पर आकर देशवासियों को संबोधित किया था। साल 1947 में महात्मा गांधी को विभाजन पीड़ित लोगों से शरणार्थी कैंप में मिलने जाना था लेकिन, उन्हें किसी वजह से अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा था तब उन्होंने रेडियो पर आकर लोगों को संबोधित किया था।
हमारी स्टोरी से रिलेटेड अगर कोई सवाल है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।
अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी है, इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।
Image Credit: Freepik
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।